कला संकाय लेने पर लोगों ने टोका था
अक्षरा के दसवीं में 95 फीसदी अंक आए थे। तब उसने कला संकाय लिया तो अनेक लोगों ने टोका था कि इसे साइंस दिलाओ, डॉक्टर या इंजीनियर बनाओ, लेकिन अक्षरा कला लेना चाहती थी। इसलिए उसे कला दिलवाया। अब उसका सपना बीए बीएड करने के बाद सिविल सेवा में जाना है। अक्षरा के नाना बीएल सैनी इंडियन पोस्टल सर्विस में रह चुके। मां सुमन शिक्षक है। अक्षरा ने बताया कि दादी पुष्पा ने हमेशा उसे आगे बढाने के लिए प्रेरित किया।
मिल चुके पुरस्कार
अक्षरा ने बताया कि उसे गार्गी पुरस्कार व इंस्पायर सहित कई पुरस्कार मिल चुके। युवाओं को संदेश
-पढाई नियमित करें। -किसी को दिखाने के लिए नहीं, बल्कि खुद के लिए मन से पढाई करें। -सोशल मीडिया पर समय बर्बाद नहीं करें, पढाई के जरूरी हो तो ही काम में लें। -पढाई के बाद रिवाइज जरूर करें। -संकल्प लेकर ईमानदारी से नियमित तैयारी करें तो हर सपना पूरा हो सकता है।
-इच्छा करे तो कुछ समय खेल के लिए दे सकते हैं।