जानकारी के मुताबिक शनिवार रात बाकरा-देरवाला रोड पर हुए सड़क हादसे के वक्त दोनों ही बोलेरो में सवार थे। हादसे के बाद बोलेरो चला रहा दोस्त ही अपने दोस्त को बीडीके अस्पताल लेकर पहुंचा था। जहां पर चिकित्सकों ने राजीवपुरा, देरवाला के युवक को मृत घोषित कर दिया। जबकि अस्पताल लेकर आने वाले दोस्त का कटा हुआ शव रविवार सुबह रेल पटरियों पर मिला।
धार्मिक कार्यक्रम में जाते समय हुआ हादसा
सदर थानाधिकारी दयाराम चौधरी ने बताया कि शनिवार रात को बाकरा निवासी नवीन खींचड़ (25) पुत्र प्रहलाद व राजीवनगर (देरवाला) निवासी आशीष महला पुत्र सहीराम महला बोलेरो से बाकरा-देरवाला रोड से किसी धार्मिक आयोजन में हिस्सा लेने के लिए जा रहे थे। बाकरा से डेढ़ किलोमीटर दूर उनकी बोलेरो पत्थरों से बनी दीवार से टकरा गई। हादसे में आशीष गंभीर घायल हो गया। जिसे उसका दोस्त नवीन खींचड़ व एक अन्य युवक नितेश बीडीके अस्पताल झुंझुनूं लेकर आए। जहां पर चिकित्सकों ने आशीष महला को मृत घोषित कर दिया।
दोस्त की मौत के बाद दूसरे दोस्त का शव पटरियों पर मिला
आशीष की मौत की जानकारी के बाद नवीन खींचड़ बिना किसी को बताए गाड़ी को छोड़कर वहां से निकल गया। सुबह स्टेशन मास्टर ने कोतवाली पुलिस को सूचना दी कि रेल पटरियों पर किसी युवक का कटा शव पड़ा है। सदर व कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची। युवक की जेब में मिली बोलेरो की चाबी से उसकी पहचान बाकरा निवासी नवीन खींचड़ के रूप में हुई। इसके बाद परिजन को फोन कर बुलाया गया। दोनों युवक आशीष खींचड़ व ट्रेन की चपेट में आए नवीन खींचड़ के शवों का पोस्टमार्टम कर परिजन को सुपुर्द कर दिया। अवसाद में था नवीन
बाकरा-देरवाला रोड पर हुए हादसे में अपने दोस्त आशीष की मौत से नवीन को सदमा लगा। वह दोस्त की मौत की वजह से अवसाद में आने के साथ-साथ डर भी गया। इसलिए रात को आशीष को अस्पताल पहुुंचाने के बाद बिना किसी को बताए अस्पताल से निकल गया और रेल पटरियों पर ट्रेन की चपेट में आ गया। कोतवाली थानाधिकारी पवनकुमार चौबे ने बताया कि नवीन के पिता प्रहलाद खींचड़ ने रिपोर्ट दी कि उसका पुत्र आशीष की मौत से अवसाद में था। बीडीके से निकलने के बाद उसे ट्रेन का ध्यान नहीं रहा और ट्रेन की चपेट में आ गया। वहीं, आशीष के पिता सहीराम महला ने सड़क हादसे में पुत्र की मौत होने का मामला दर्ज कराया है।
दोनों अविवाहित थे
दोनों मृतक युवक अविवाहित थे। दोनों गहरे दोस्त थे। दोनों अलग-अलग गांव के हैं। लेकिन दोनों के परिवार खेत में मकान बनाकर रहते हैं और आपस में पड़ौसी हैं। नवीन दूसरे की बोलेरो चलाता था। पिता प्रहलाद खींचड़ ट्रैक्टर रखते हैं। बड़ा भाई पवन खेती-बाड़ी करता है।