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पत्नी रोशनी की स्थिति गंभीर
जब सुबह दोनों पति-पत्नी नहीं उठे तो अन्य परिजनों ने आवाज लगाई। परंतु कमरे से किसी की आवाज नहीं आई। दरवाजे और खिड़कियों को तोड़कर दोनों को अचेत अवस्था में चिड़ावा के अस्पताल में लेकर आए। जहां पर विजेंद्र प्रजापत को चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। जबकि उसकी पत्नी रोशनी की स्थिति गंभीर बनी हुई। विजेंद्र कुमावत हलवाई का काम करता था। जबकि उसकी पत्नी गृहिणी है। विजेंद्र के दो पुत्र और दो पुत्रियां हैं। दोनों पुत्रियों की शादी हो चुकी है।
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डॉक्टर बोले- सिगड़ी जलाकर नहीं सोएं
बीडीके अस्पताल झुंझुनूं के वरिष्ठ फिजिशियन डा. रजनेश माथुर बताते हैं कि कमरे में सिगड़ी जलाकर सोने से और कमरा बंद करने से कार्बन मोनोआक्साइड फैल जाती है। कमरे में ऑक्सीजन की कमी से व्यक्ति की दम घुटने से मौत हो जाती है। ऐसे में अगर सिगड़ी जलाकर नहीं सोएं। अगर सोना पड़े तो कमरे व खिड़कियां खुली रखकर सोएं।