दरअसल बतावरपुरा, कंवरपुरा और विजयपुरा गांव की सीमा पर बने बाबा नत्थूराम आश्रम में वर्षों पहले पक्षियों को चुग्गा डालने की परंपरा शुरू की गई। जो कि लंबे समय बाद भी अनवरत जारी है। कुछ साल पहले युवाओं की टोलियों ने तीनों गांवों के घरों से मकर सक्रांति पर अनाज एकत्र करने की पहल की, जिसमें युवाओं की अलग-अलग टोलियां ट्रेक्टर-ट्रॉली लेकर तीनों गांवों में निकल जाती है।
जहां पर लोग अपनी आस्था के अनुसार अनाज और ज्योत के लिए घी डालते हैं। गांवों से एकत्र अनाज को सालभर तक पक्षियों को डाला जाता है। वहीं एकत्र घी से मंदिर में सुबह-शाम ज्योत की जाती है। उधर, इस साल मंगलवार को मकर संक्रांति पर युवाओं की टोलियां घरों में जाकर अनाज एकत्र कर रही है।
युवाओं की टोली का सहयोग
बाबा नत्थूराम आश्रम पर पक्षियों के लिए चुग्गा (अनाज) एकत्र करने के लिए युवाओं की टोली बनाई गई है। जो कि सालभर अनाज एकत्र करने में सहयोग देती है। ग्रामीण पं. कृष्ण शर्मा, कपिल कटेवा कासी, मुकेश झाझड़िया, संजीव कटेवा, नरेश कटेवा, चंद्रशेखर जांगिड़, विकास कटेवा, गजेसिंह योगी, नीलकमल कटेवा, मास्टर विद्याधर कटेवा, सुबेदार देशराज कटेवा, धर्मपाल कटेवा, उमेद कटेवा, हवलदार फूलसिंह कटेवा, गजराज कटेवा समेत ग्रामीणों ने बताया कि पक्षी प्रेम के लिए आमजन को जागरूक होना चाहिए। दो बार डालते हैं चुग्गा
पक्षियों को प्रतिदिन दो बार चुग्गा डाला जाता है। बाबा नत्थूराम सेवा समिति अध्यक्ष मास्टर शिशुपाल कटेवा ने बताया कि मंदिर महंत रामदास महाराज के सानिध्य में प्रतिदिन सुबह सात और दोपहर में दो बजे मंदिर के बाहर
चुग्गा घर में पक्षियों के लिए चुग्गा डाला जाता है। मंदिर परिसर और चुग्गा घर के पास पक्षियों के लिए पानी की व्यवस्था भी रहती है।
सालभर पक्षियों को चुग्गा
बाबा नत्थूराम आश्रम पर पक्षियों को हर दिन करीब एक क्विंटल अनाज डाला जाता है। अकेले मकर संक्रांति पर ही सौ क्विंटल से ज्यादा अनाज एकत्र हो जाता है। वहीं सालभर में ग्रामीणों द्वारा शादी, दशोठन, द्वादशा समेत अन्य सामाजिक कार्यक्रमों के दौरान भी अनाज का सहयोग दिया जाता है, जो कि मंदिर के भंडार गृह में एकत्र किया जाता है। साल के अंत में अनाज की कमी रहने पर कमेटी द्वारा खरीद भी की जाती है।