राजस्थान के झुंझुनूं जिले के अलसीसर गांव निवासी सेवानिवृत अधिकारी महावीर सिंह चौहान व पूर्व सरपंच विजयसिंह ने बताया कि तत्कालीन ठाकुर शार्दुल सिंह के पुत्र किशन सिंह ने महाकिला बनवाया तथा यहां काफ ी वर्षों तक उन्होंने व उनके परिवार ने शासन किया। विकास कार्य करवाए। उन्हीं के वंशज ठाकुर छतुसिह के पुत्र अजीत सिंह खेतड़ी की गद्दी पर गोद गए। अजीत सिंह ने अपने पिता छतुसिंह की याद में विशाल छतरियों का निर्माण करवाया। जो गांव के पूर्वी भाग में स्थित है। भारत सरकार ने अजीत सिंह को राज बहादुर की उपाधि प्रदान की थी। वर्तमान में किशन सिंह के वंशज गजसिंह व सुरेन्द्र सिंह हैं। गज सिंह अलसीसर में होटल संचालित करते हंै। वहीं ग्रामीणों का कहना है अलसी नाम की महिला ने भी गांव में कुआं बनवाया था।
ग्रामीणों ने बताया कि जानकीदास व इन्द्रसिंह ने स्कूल भवन व गोशाला का निर्माण सहित अनेक कार्य करवाए। सागर मल खेतान व उनके पुत्र ने चिकित्सालय व्यवस्था में सहयोग किया। झुंझुनूं वाला परिवार व उनके पुत्र ने मन्दिर बनवाया तथा सीताराम वाटीका राणीसती मन्दिर बनवाया तथा हवेलीयां, गोविन्द पुष्पा उधान एवं दक्षिण दिशा में गांव की शोभा बढ़ाता प्रवेश द्वार, बड़ कुआं व धर्मशाला बनवाई । सीताराम का परिवार ने हनुमान मन्दिर व गेस्ट हाऊस व कुआं का निर्माण करवाया। उक्त परिवारों के अलावा बहुत से महाजन परिवार दिल्ली, कोलकाता व मुबई में प्रवासी है। जिनका गांव के प्रति काफ ी लगाव है। वे गांव के विकास में योगदान देते रहते हैं।
भारतीय प्रशासनिक सेवा (आइएएस) की अधिकारी एवं वर्तमान में उदयपुर जिला परिषद की मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ मंजू श्योराण आईएएस परीक्षा में ऑल इंडिया लेवल पर 59 वीं रैंक प्राप्त की थी। डॉ.अनिल कुमार ने डॉ.एसएन मेडिकल कॉलेज जोधपुर से एमबीबीएस किया। इसके बाद उन्होंने वर्ष 2016 में सिविलि सर्विसेज की परीक्षा पास की। अभी यूपी के पश्चिम कानपुर के एसपी हंै।
पंचायत समिति मुख्यालय, बालिका माध्यमिक विद्यालय, उच्च माध्यमिक विद्यालय, प्राथमिक स्वास्थय केन्द्र, भारत सरकार द्वारा अधिकृत कॉमन सर्विस सेन्टर व ई मित्र हैं।
दर्शनीय स्थल
सत्य नारायणजी का मंदिर, गोपीनाथजी का मंदिर, अलसीसर महल, कटारूका की हवेली ,लाल बहादुर मल की हवेली, तेजपाल झुंझुनूंवाला की हवेली, रामजस झुंझुनूंवाला की हवेली, लाख का हवेली, खेतान हवेली, इंद्र विलास , मरोदिया का तालाब सहित अनेक दर्शनीय स्थल हैं।
तालाब गंदे पानी से भरा हुआ है। पीने के लिए मीठा पानी नहीं है। लोगों को
खारा पानी पीड़ रहा है। इस कारण अनेक बीमारियां हो रही है। फै क्ट फ ाइल 2011 के अनुसार :-
जनसंख्या -5242
(पुरूष- 2560 महिला- 2682 )
औसत साक्षरता दर – 60.5 प्रतिशत
(पुरूष साक्षरता – 34.7 प्रतिशत , महिला साक्षरता – 25.8 प्रतिशत )
कुल घर -863
गांव की कुल भूमि – 1636.52 हैक्टेयर