scriptबस चलाएं या घर, दुविधा में फंसे है रोडवेज कर्मचारी | - 15-16 घंटे ड्यूटी करने के बाद भी वेतन को तरस रहे | Patrika News
झालावाड़

बस चलाएं या घर, दुविधा में फंसे है रोडवेज कर्मचारी

झालावाड़. राजस्थान रोडवेज की खस्ता हालत कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति भी खराब कर रही है। 15-16 घंटे ड्यूटी करने के बाद भी समय पर रोडवेज कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला है। प्रदेश के तीन संभाग के कर्मचारियों को वेतन दिया जा चुका है, जबकि कोटा संभाग में कर्मचारियों का दो माह से वेतन बकाया है। […]

झालावाड़Dec 09, 2024 / 11:17 am

harisingh gurjar

झालावाड़. राजस्थान रोडवेज की खस्ता हालत कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति भी खराब कर रही है। 15-16 घंटे ड्यूटी करने के बाद भी समय पर रोडवेज कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला है। प्रदेश के तीन संभाग के कर्मचारियों को वेतन दिया जा चुका है, जबकि कोटा संभाग में कर्मचारियों का दो माह से वेतन बकाया है। इससे कर्मचारियों में आक्रोश है। जानकारी के मुताबिक, झालावाड़ रोडवेज आगार में करीब 150 कर्मचारी हैं, जिसमें से 68 चालक,51 परिचालक, 30 के करीब अन्य कर्मचारी हैं। प्रदेश के सात संभाग में से जयपुर, भरतपुर, जोधपुर संभाग के कर्मचारियों को वेतन मिल चुका है,जबकि कोटा सहित उदयपुर व अजमेर संभाग के कर्मचारी वेतन का इंतजार कर रहे हैं। एक कर्मचारी ने दबी जुबान से बताया कि रोडवेज को नि:शुल्क व टिकट में रियायत का सरकार की ओर से भुगतान नहीं किया जा रहा है, जिससे वेतन भुगतान में दिक्कत हो रही है।
33 रुपए इनकम चाहिए,कर्मचारियों की चिंता नहीं-

रोडवेज प्रबंधन एवं सरकार को प्रतिदिन 33 रुपए प्रतिकिलोमीटर की इनकम चाहिए, लेकिन कर्मचारियों की सुविधा एवं समस्या का जरा भी ध्यान वहीं है। हाल ही में पशु परिचर भर्ती परीक्षा में चालक-परिचालक ने तीन दिन लगातार बसों में सफर किया। रोडवेज 33 रुपए प्रति किलोमीटर इनकम तो मांग रहा है, लेकिन नि:शुल्क व रियायत वाली सवारियों को इनकम में जोड़ नहीं रहा। ऐसे में बसों की इनकम आ नहीं रही है। केवल ठेके वाली और लंबी दूरी वाली गाडिय़ों में ही 33 रुपए प्रतिकिलोमीटर इनकम आ रही है। इसकी वजह से परेशानी आ रही है।
वेतन और आराम नहीं, तो काम नहीं-

झालावाड़ रोडवेज कर्मचारियों ने गत दिनों मुख्य प्रबंधक से मिल कर वेतन की गुहार लगाई है। कर्मचारियों का कहना है कि बिना वेतन और वीकली ऑफ काम कर रहे हैं। वेतन नहीं मिलने से कर्जदार हो रहे हैं। घर चलाना मुश्किल हो रहा है। रोडवेज कर्मचारी संगठन के पदाधिकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने रोडवेज के एमडी से मिलकर वेतन की गुहार लगाई है। साथ ही वीकली ऑफ की व्यवस्था को अच्छे से बहाल कराने का आग्रह किया है।
फैक्ट फाइल-

– रोडवेज डिपो में चालक-68

– रोडवेज डिपो में परिचालक- 51

– रोडवेज डिपों में – 29

-पेंशनर्स-100

ये आ रही परेशानी-

कर्मचारियों ने बताया कि कार्यरत कर्मचारियों व पेंशनर्स को समय पर वेतन नहीं मिलने से घर चलाना मुश्किल हो रहा है। एक कर्मचारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि हम बस तो अच्छे से चला रहे हैं, लेकिन घर खर्च सही से नहीं चला पा रहे हैं। हर माह पैनल्टी भुगत रहे हैं। लंबे समय से समय पर वेतन नहीं मिल रहा है। दो माह का वेतन बकाया था, एक माह का मिल गया है। फिर से दो माह का बकाया हो जाएगा। फिर से वही दिक्कत होगी। बच्चों की स्कूल फीस समय पर जमा नहीं हो पा रही है। राडवेज के 95 फीसदी कर्मचारियों ने लोन ले रखा है, हर माह या तो किसी से उधार लेना पड़ रहा है, या फिर पैनल्टी लग रही है। सरकार को रियायती दर वाले टिकट व छूट वालों को समय पर पैसा जमा करवाना चाहिए, ताकि कर्मचारियों को हर माह वेतन देने में कोई परेशानी नहीं हो। जिले में करीब 250 से अधिक कर्मचारी है जिन्हे आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
ऐसे बताई पीड़ा-

01. कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं मिलने से घर चलाने में काफी परेशानी आ रही है। वैसे ही पेंशन कम मिलती है। वो भी समय पर नहीं रही है।
छीतरलाल श्रंृगी, संभागीय सचिव, रिटायर्ड कर्मचारी एसोसिएशन,झालावाड़

02.रोडवेज कर्मचारियों की 2014 से बढ़ी हुई राशि नहीं मिली है। जबकि सुप्रीम कोर्ट ने भी आदेश दे दिए है। जो पेंशन मिल रही है वो भी समय पर नहीं मिल रही है।
लियाकत खान, अध्यक्ष रिटायर्ड कर्मचारी एसोसिएशन, झालावाड़।

कर्मचारी परेशान-

हमारी तरफ से हर माह मुख्यालय को डिमांड भेजी जा रही है। जैसे ही बजट आएगा तो वेतन दे दिया जाएगा। समय पर वेतन नहीं आने से कर्मचारियों को परेशानी तो होती ही है।
प्रतीक मीणा, चीफ मैनेजर रोडवेज डिपो,झालावाड़।

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