चंद्रभागा कार्तिक मेला व्यापार समिति ने तेज अंधड के साथ हुई बरसात और ओलावृष्टि से मेला व्यापारियों को हुए नुकसान के प्रति जिला प्रशासन के उदासीनता पूर्ण रवैयै के विरोध में रविवार को पशुपालन विभाग चिकित्सालय के गेट पर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि मेले में आए व्यापारियों से करोड़ों रुपए का राजस्व वसूल किया, फिर भी प्रशासन सुविधाएं नहीं दे पा रहा है।
मेला व्यापार समिति उपाध्यक्ष अब्दुल वहीद कुरैशी, सचिव मोहम्मद खालिद, मोहम्मद कासिम भट्टी, दिनेश गहलोत, मंत्री पंकज चौहान, मोहसिन, नासिर भाई अंसारी, सत्यनारायण, अन्नू भाई, हर्षित, साबिर, इजहार मोहम्मद, असलम भाई, आजम अंसारी, संदीप, कालू चौहान की अगुवाई में दर्जनों मेला व्यापारी रविवार दोपहर को चिकित्सालय के गेट पर एकत्र हुए। जिन्होंने व्यापारियों का प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान के प्रति उदासीनता का रवैया अपनाने को लेकर जिला प्रशासन के विरोध में नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियो ने बताया कि शुक्रवार शाम से रात तक तेज हवा के साथ हुई बरसात और ओलावृष्टि से मेले के व्यापारियों की दुकानें और मनोरंजन के साधन बुरी तरह से तहस नहस हो गए, उनके लाखों रुपए का सामान बरसात के पानी से भीग जाने से खराब हो गया।
बरसात के बाद फैल रहा कीचड़
दुकानों में तथा पूरे बाजार में पानी भर गया तथा प्रशासन द्वारा खराब मिट्टी डलवाए जाने से और अधिक कीचड फैल गया। जिससे मेले के सभी रास्तों पर लोगों को आने-जाने में परेशानी हो रही है। पशुपालन विभाग ने 21 नवंबर से मेले की देखरेख नगर पालिका के सुपुर्द कर दी थी। इसके बावजूद जिला और नगर पालिका प्रशासन दोनों व्यापारियों की परेशानी की सुध नहीं ले रहे हैं।
कोई जिम्मेदार नहीं
प्रदर्शनकारियों ने बताया कि दुकानदारों ने पशुपालन विभाग को भूखंड आवंटन की बोली में करोड़ों रुपए का राजस्व दिया है। इसके साथ ही नगरपालिका को भी अलग से मेले की देखरेख के लिए शुल्क जमा कराया है, लेकिन जिला और नगरपालिका प्रशासन ने मेले की बिना धणी धोरी जैसी स्थिति करके छोड़ दी है।
बिजली व्यवस्था ठप
उन्होंने बताया कि तीन दिन से मेले में बिजली व्यवस्था ठप पड़ी है, जिससे रात के समय मेला परिसर में अंधकार छा जाता है, जबकि मेले में व्यापारियों के यहां रात के समय ही अधिक ग्राहकी रहती है जो प्रभावित हो रही है। अंधेरा रहने से व्यापारियों को माल की चोरी होने का भय सता रहा है। प्रदर्शनकारियो ने वर्तमान हालात और हुए नुकसान को देखते हुए मेले की अवधि 31 जनवरी तक करने की मांग की।