script13 हजार 460 करोड़ रुपए का लहसुन | किसानों की भर दी झोली : इस बार भी जिले में अच्छी हुई बुवाई, बढ़ गया रकबा | Patrika News
झालावाड़

13 हजार 460 करोड़ रुपए का लहसुन

झालावाड़. लहसुन और प्याज के दाम बढऩे से किसानों का रुझान भी इस खेती में बढ़ा है। जिलेभर में हजारों बीघा जमीन में किसानों ने इस बार लहसुन और प्याज की फसल लगाई है। इस बार लहसुन के दाम 200 रुपए से 400 रुपए किलो तक पहुंच गए, जबकि प्याज भी 50-60 रुपए किलो तक पहुंच […]

झालावाड़Nov 26, 2024 / 08:34 pm

harisingh gurjar

झालावाड़. लहसुन और प्याज के दाम बढऩे से किसानों का रुझान भी इस खेती में बढ़ा है। जिलेभर में हजारों बीघा जमीन में किसानों ने इस बार लहसुन और प्याज की फसल लगाई है।

इस बार लहसुन के दाम 200 रुपए से 400 रुपए किलो तक पहुंच गए, जबकि प्याज भी 50-60 रुपए किलो तक पहुंच गए थे। इसके चलते लहसुन और प्याज की खेती करने वाले किसानों ने फसल का रकबा और बढ़ा दिया है।
इसके चलते क्षेत्र के दूसरे किसानों का रुझान भी प्याज और लहसुन की और बढ़ा है। लहसुन और प्याज की खेती किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो रही है। जिले में इस बार 13 हजार 460 करोड़ का लहसुन व 45 करोड़ 78 लाख के प्याज का उत्पादन हुआ है। हालांकि मेहनत बहुत ज्यादा है,लेकिन कम जमीन में अच्छा मुनाफा हो रहा है। इसबार तो लहसुन और प्याज के दामों में आई उछाल ने किसानों की जेबें गरम कर दी हैं।
जूनाखेड़ा द्वारकीलाल पाटीदार का कहना है कि प्याज और लहसुन की खेती किसानों के लिए फायदे का सौदा बन रही है। दाम बढऩे से किसान बपर खेती कर रहे हैं। लहसुन और प्याज नकदी फसल हैं। इनका प्रयोग मसाले के रूप में किया जाता है। लहसुन का प्रयोग पेट संबंधी बीमारियों की दवा बनाने में भी किया जाता है। अक्टूबर में इसकी बुआई कर दी गई है। मार्च में फसल तैयार हो जाती है।
बड़े पैमाने पर बुवाई

जिले में इस बार बड़े पैमाने पर नकदी फसलों की बुवाई हुई है।

जिले में इस बार सुनेल, खानपुर, असनावर, झालरापाटन, बकानी, भवानीमंडी सहित कई क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर लहसुन के साथ प्याज की खेती की जा रही है। यहां का लहसुन मध्यप्रदेश समेत देश के कई राज्यों में जाता है।
दो साल पहले तो लहसुन के दाम ज्यादा नहीं बढ़े, लेकिन इस बार इसके दाम 400 रुपए किलो तक पहुंच गए। जबकि प्याज भी 50 रुपए किलो तक पहुंच गए। इसके चलते क्षेत्र के दूसरे किसानों का रुझान भी प्याज और लहसुन की और बढ़ा है।
गत वर्ष इतना हुआ था लहसुन

जिले में गत बार लहसुन की 33032 हजार हेक्टेयर में बुवाई हुई थी। जिसमें से 269211 मेट्रिक टन उत्पादन हुआ था।

वहीं जिले में गत बार धनिया 25802 हेक्टेयर में बुवाई थी। जिसमें से 34833 मेट्रिक टन धनिया का उत्पादन हुआ था।
इनका कहना है…

इस बार लहसुन का अच्छा भाव मिलने से किसानों का मसाला वर्गीय फसल लहसुन की ओर अच्छा रूझान रहा है। हमने स्वयं 8 बीघा में लहसुन व 10 बीघा में प्याज की बुवाई की है।
गोविन्द प्रसाद, किसान बकानी, खेड़ा

हम लहसुन की बुवाई हर बार करते हैं, लेकिन इस बार भाव अच्छा होने से अन्य किसानों ने भी बुवाई की है। मैंने 3 बीघा में लहसुन व 2 बीघा में प्याज की बुवाई की है।
शिवनारायण माली, किसान रटलाई

किसानों को लहसुन व प्याज का अच्छा भाव मिलने से इस बार जिले में 20 से 30 फीसदी अधिक बुवाई है। इस समय 15 हजार से 30 हजार प्रति क्विंटल का भाव चल रहा है। खानपुर लहसुन मंडी में प्रतिदिन 7 से 800 कट्टी लहसुन आ रहा है।
बालचन्द नागर, अध्यक्ष लहसुन मंडी, खानपुर

जिले में इस बार किसानों को लहसुन के दाम अच्छे मिले हैं। इससे किसानों का नकदी फसल की ओर ज्यादा रूझान हुआ है। किसानों ने इस बार लहसुन, प्याज की अच्छी बुवाई की है। लहसुन के भावों में भारी उतार चढ़ाव रहता है, इसलिए किसान अन्य फसले भी विविधिकरण के रूप में जरुर लगाएं।ताकि जोखिम की पूर्ति की जा सके। एक अनुमान के अनुसार जिले में 13 हजार 460 करोड़ के करीब का लहसुन का उत्पादन हुआ है।
भूपेन्द्रसिंह शेखावत, सहायक निदेशक,कृषि विस्तार, झालावाड़

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