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झालावाड़

सड़कों के किनारे बरसात में उगने वाली खरपतवार से भी कमाई

भालता. बरसात के समय सड़कों के किनारे व जंगल में उगने वाली खरपतवार से भी लोग कमाई कर रहे हैं। इसमें हल्दी लगे न फिटकरी, रंग आवेछोखो वाली कहावत चरितार्थ हो रही है। इस खरपतवार को इन दिनों मजदूर वर्ग के लोग तैयार कर रहे हैं जिसे मंडी में बेचने ले जाएंगे। जानकारी के अनुसार […]

झालावाड़Nov 23, 2024 / 11:24 pm

jagdish paraliya

  • भालता. बरसात के समय सड़कों के किनारे व जंगल में उगने वाली खरपतवार से भी लोग कमाई कर रहे हैं। इसमें हल्दी लगे न फिटकरी, रंग आवेछोखो वाली कहावत चरितार्थ हो रही है। इस खरपतवार को इन दिनों मजदूर वर्ग के लोग तैयार कर रहे हैं जिसे मंडी में बेचने ले जाएंगे।
भालता. बरसात के समय सड़कों के किनारे व जंगल में उगने वाली खरपतवार से भी लोग कमाई कर रहे हैं। इसमें हल्दी लगे न फिटकरी, रंग आवेछोखो वाली कहावत चरितार्थ हो रही है। इस खरपतवार को इन दिनों मजदूर वर्ग के लोग तैयार कर रहे हैं जिसे मंडी में बेचने ले जाएंगे।
जानकारी के अनुसार जहां हंकाई, बीज, बुआई, खाद, सिंचाई, फसल कटाई में खर्च करने के बाद फसल बेचने पर किसानों को नकदी मिलती है। इसके विपरीत पुवाडिया खरपतवार पर एक पैसा भी खर्च नहीं होता है। यह खुद-ब-खुद हर साल उग आती है। स्थानीय व एमपी, छत्तीसगढ़ क्षेत्र के लोग इस खरपतवार के हरे पौधों की कटाई के बाद सड़क के बीच डाल कर फलियों से बीज निकलने में व्यस्त हैं। जिनके दाम भी मक्का के भाव से ज्यादा है। वहीं यह भाव नकद माने जाने वाली गेहूं की फसल के बराबर है। क्योंकि इन दिनों गेंहू भी 25 रुपए किलो बिक रहा है। इससे मेहनतकश लोगों को कमाई होती है तो पल्लेदार व छोटे व्यापारियों को भी बैठे-बिठाए रोजगार मिल रहा है। जिस खरपतवार की हम बात कर रहे हैं, उसे क्षेत्र में पुवाड़िए के नाम से जाना जाता है। औषधीय गुणों के चलते इसकी डिमांड भी रहती है।
भाव 25 से 30 रुपए किलो

बारिश के दिनों में बहुतायत से उगने वाले पुवाड़िए के पौधे अब सूख चुके हैं । क्षेत्र के ग्रामीण व दूरदराज से पहुंचे लोग इनके बीज निकालकर व्यापारियों के यहां बेच रहे हैं। एक किलो पुवाड़िए के बीज बेचने पर 25 से 30 रुपए तक मिल रहे हैं। एक सीजन में क्षेत्र से करीब 3 क्विंटल पुवाड़िया के बीज तैयार कर बाजार में बेच कर मुनाफा कमाया जाता है।
गुणकारी व फायदेमंद है

  • पुवाड़िया के पौधे की पत्तियां, फूल,बीज व जड़ें भी औषधीय गुणों से भरपूर है। यह मुख्य रूप से चर्म रोगों व डायबिटीज में फायदेमंद साबित होता है। अस्थमा, कफ, श्वास, दाद तथा कृमि को नष्ट करने वाला है। इसका बीज खुजली, दाद, खांसी, कृमि आदि रोगों का शमन करने वाला है। खून भी साफ करता है।

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