दूसरी वजह यह भी
मजदूर यूनियन का कहना है कि प्लांट करोड़ो रुपए के बैंक के कर्ज में चल रही है। बैंक कर्ज पटाने के लिए प्लांट प्रबंधन पर दबाव बना रही। इधर प्लांट की माली हालत खस्ता है। जिसके चलते प्लांट प्रबंधन का बहाना मिल गया। जिसके चलते प्लांट में लॉक आउट कर दिया गया है।
मजदूर होंगे बेकाम
मजदूर यूनियन का कहना है कि प्लांट के बूते तकरीबन चार हजार परिवारों का पेट पलता है। प्लांट बंद होने की स्थिति में मजदूरों का पेट चलना मुश्किल हो जाएगा। काम नहीं मिलने से मजदूर कहां जाएंगे। संघ के बलराम पुरी गोस्वामी का आरोप है कि प्लांट में लॉक आउट करना कंपनी की सोची समझी चाल है। प्लांट प्रबंधन अपनी कमजोरियों का ठीकरा मजदूरों पर फोडऩा चाह रही है।