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जांजगीर चंपा

CG News: शुगर रोगियों के लिए रामबाण साबित हो रहा ये चावल, भारत सरकार से किसान को आया पत्र, जानें कितने रुपए प्रतिकिलो हो रही बिक्री..

CG News: जांजगीर-चांपा में शुगर रोगियों के लिए महेश्वर फूल चावल रामबाण साबित हो रहा है। पौधकिस्म और कृषक अधिकारी संरक्षण प्राधिकारण भारत सरकार से किसान के पास पत्र आया। इस चावल को किसान ने पेटेंट भी करा लिया है।

जांजगीर चंपाAug 11, 2024 / 02:05 pm

Laxmi Vishwakarma

CG News
CG News: संजय राठौर/जिले का एक प्रगतिशील किसान ऐसे धान की खेती कर रहा जिसके चावल की कीमत सुनकर आप चौक जाएंगे। दरअसल, यह चावल शुगर के मरीजों के लिए रामबाण साबित होगा। यही वजह है कि इस चावल की कीमत दवा से भी महंगी है। बड़ी बात यह है कि इस प्रजाति के चावल को किसान ने पेटेंट भी करा लिया है। इससे किसान को मार्केट से बेहतर लाभ मिल सकेगा।
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CG News: शुगर के मरीजों के लिए रामबाण साबित हो रहा ये चावल

दरअसल, बम्हनीडीह ब्लाक के ग्राम लखुर्री के किसान रामप्रकाश केशरवानी ने महेश्वर फूल चावल (Maheshwar Phool Rice) की खेती कर रहा है। एक दो नहीं बल्कि किसान ने 5 एकड़ रकबे में धान की खेती की है। धान की उपज सही हो जाए तो किसान को करोड़पति बनने में देर नहीं लगेगी। क्योंकि यह चावल शुगर के मरीजों के लिए रामबाण साबित होगा।
इसकी कीमत 3 हजार रुपए किलो बताई जा रही है। यानी यदि एक सामान्य व्यक्ति यदि 100 ग्राम चावल खा रहा है तो इसकी कीमत 300 रुपए होगी। यानी एक बड़े होटल के भोजन की थाली से भी इसकी कीमत अधिक होगी।

लाजवाब है चावल की खुशबू

इस चावल की दूसरी विशेषता यह भी है कि इसकी (Maheshwar Phool Rice)खुशबू लाजवाब है और शरीर में शुगर का लेवल मेंटेन रखता है। इसकी खेती करने के बाद किसान के पास इस चावल की डिमांड बढ़ गई है।

आईजीकेवी से हुई शुगर फ्री की पुष्टि

किसान रामप्रकाश ने बताया कि शुगर फ्री चावल की पुष्टि के लिए उन्होंने इंदिरा गांधी कृषि विश्व विद्यालय रायपुर(आईजीकेवी) सेंपल के लिए भेजा था, जिसमें यहां के बाॅयोटेक्नोलाॅजी विभाग के प्रोफेसर शुभ बनर्जी और विपिन पांडेय की टीम ने प्रयोगशाला में प्रयोग किया और पाया कि इस चावल में गेहूं के बजाए 25 फीसदी शुगर की मात्रा कम है। उन्होंने बताया कि गेहूं में यदि 75 फीसदी शुगर की मात्रा होती है तो इस चावल में 52 फीसदी शुगर की मात्रा है।
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पेटेंट के लिए आया पत्र, टैग भी मिला

CG News: किसान रामप्रकाश ने पौध किस्म और कृषक अधिकारी संरक्षण प्राधिकरण भारत सरकार को धान का पेटेंट कराने के लिए दिल्ली भेजा था। जिसके जवाब में किसान के पास पत्र आया है। किसान को अब स्पेशल टैग भी मिल गया।
जिसमें संयुक्त पंजीकार दिपल रॉय चौधरी ने किसान को प्रमाण पत्र प्रदान किया है। जिसमें उल्लेखित है कि पेटेंट तिथि 15 वर्ष की अवधि तक के लिए होगी। किसान से उक्त संस्थान ने प्राधिकरण का प्रतीक चिन्ह, लोगो पंजीकृत किस्म की फोटो पैकेट में चस्पा हो। जिसे संलग्र कर मार्केट में उपलब्ध करा सकते हैं।

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