scriptभीनमाल की दादेली बावड़ी का होगा कायाकल्प | Dadeli Bawdi Bhinmal | Patrika News
जालोर

भीनमाल की दादेली बावड़ी का होगा कायाकल्प

छह लाख की लागत से बावड़ी के अंदर की दीवारों की मरम्मत, बावड़ी के ऊपर जाली का निर्माण करवाया जाएगा

जालोरJan 14, 2018 / 11:12 am

tulsaram mali

Bawdi

Dadeli Bawdi Bhinmal

भीनमाल. शहर के जाकोब तालाब स्थित दादेली बावड़ी का कायाकल्प होगा। जल स्वावलंबन योजना के तहत बावड़ी के जीर्णोद्धार का कार्य होगा। यह बावड़ी काफी ऐतिहासिक व प्रसिद्ध है।
ये बावडिय़ां 1970-8 0 के दशक में शहर वासियों की प्यास बुझती थी। लेकिन सालों से सरंक्षण के अभाव में यह बावडिय़ां जर्जर तो हो रही है, इसके अलावा बावडिय़ों का पानी भी प्रदूषित हो रहा है। ऐसे में शहर की चण्डीनाथ महादेव मंदिर बावड़ी, दादेली बावड़ी, प्रताप बावड़ी, वणधर बावड़ी, सहित कई पुरानी बावड़ीयां सरंक्षण के अभाव में विलुप्त होने के कगार पर है। राजस्थान पत्रिका की ओर से बावड़ी बचाओ अभियान में दादेली बावड़ी की दुर्दशा दर्शाने के बाद शहर के यूथ फोर नेशन के युवाओं ने बावड़ी के सरंक्षण के लिए कार्य शुरू किया। युवाओं ने बावड़ी के अंदर व बाहर उगी झाडिय़ों की सफाई कर बावड़ी का रूप निखारा। इसके बाद बावड़ी के पास एक बगीचा भी तैयार कर बावड़ी को नया रूप दिया। युवाओं ने जनसहयोग के माध्यम से बावड़ी पर लाईटे भी लगवाई। युवाओं की मेहनत के बदौलत अब जल स्वावलंबन योजना के तहत लगभग छह लाख की लगात से बावड़ी के अंदर की मरम्मत, चारों ओर बड़ी जाली व अन्य कार्य होगें। जीर्णोद्धार का कार्य होने के बाद बावड़ी के स्वरूप में निखार आएगा।
यह बावड़ी का इतिहास
दादेली बावड़ी जाकोब तालाब की पाल पर रोणेश्वर महादेव मंदिर के पास स्थित है। यह बावड़ी 550 साल पुरानी है। जानकारी के मुताबिक बावड़ी नरता के श्रीमाली ब्राह्मणों की ओर से निर्मित्त करवाई हुई है। बावड़ी की बनावट इतनी शानदार है कि जैसे कोई महल बना हुआ है। इस बावड़ी पर तीन-चार दशक पहले सुबह-शाम पनिहारिनियों की भीड़ उमड़ती थी। मान्यता है कि इन बावड़ी का पानी अकालों में भी नहीं सूखा है।
बावड़ी के पानी से नवजात को जन्मघूट देने की थी परंपरा
शहर की दादेली बावड़ी शहर सहित पूरे मारवाड़ क्षेेत्र में प्रसिद्ध थी। मान्यता है कि इस बावड़ी के पानी से नवजात बच्चों को जन्मघुट दिया जाता था। इस पानी से जन्मघुट देने से बच्चा बड़ा होकर विद्यवान, साहसी, निडऱ, कर्मठ व सहनशील बनता था। नवजात बच्चों को जन्मघूट देने के लिए जोधपुर रियासत में यहां से पानी भेेजते थे।
होगा जीर्णोद्धार
जल स्वावलंबन योजना के द्वितीय चरण में दादेली बावड़ी के जीर्णोद्धार होगा। योजना के तहत लगभग छह लाख की लागत से बावड़ी के अंदर की दीवारों की मरम्मत, बावड़ी के ऊपर जाली का निर्माण करवाया जाएगा।
– भीखाराम जोशी, अधिशाषी अभियंता, नगरपालिका-भीनमाल

Hindi News / Jalore / भीनमाल की दादेली बावड़ी का होगा कायाकल्प

ट्रेंडिंग वीडियो