दरअसल पूजा अपने ममेरे भाई की शादी में शामिल होने के लिए
जालोर के भैंसवाड़ा जा रही थी। इस हादसे की खबर सुनते ही परिवार में कोहराम मच गया, लेकिन अगले ही दिन ममेरे भाई की शादी थी। ऐसे में शादी को टालना संभव ना था। इसके बाद बुजुर्ग रिश्तेदारों ने सादगी से शादी की रस्में करने का फैसला लिया। तुलसाराम के माता-पिता को भी हादसे की जानकारी नहीं दी गई। अगले दिन बेहद सादगी के साथ शादी की रस्में पूरी की गईं और दुल्हन की विदाई हुई।
घर में मचा कोहराम
शादी और विदाई के बाद परिजनों को दोनों की मौत का समाचार दिया गया। इसके बाद जैसे ही भाई-बहन के शव घर पहुंचे तो चीख पुकार मच गई। सुबह शादी की रस्में निभाई गईं और शाम को भांजे-भांजी का अंतिम संस्कार करना पड़ा। ऐसे में सभी के सब्र का बांध टूट गया। बता दें कि हादसे के वक्त पूजा की बेटी भी साथ थी, लेकिन मासूम इस हादसे में बाल-बाल बच गई। लेटा से कानीवाड़ा और आहोर की तरफ जाने वाले रोड पर हादसे की अक्सर संभावना रहती है। यहां तिराहा है, ऐसे में इस जगह पर कई बार बड़े हादसे हो चुके हैं।