42 हजार की जगह भेज दिए 42 लाख!
– संविदा कार्मिक की कारिस्तानी, विकास अधिकारी ने दर्ज करवाया मामला
42 हजार की जगह भेज दिए 42 लाख!
पोकरण. सरकारी कार्यालयों में उपयोग होने वाले एसएसओ आईडी से काम करने वाले यदि कार्मिक ही धनराशि इधर से उधर कर दें, तो अधिकारी किस पर विश्वास करें। ऐसा ही एक मामला सामने आया है सीमावर्ती जिले के पोकरण कस्बे में स्थित पंचायत समिति सांकड़ा मुख्यालय मेें, जहां विकास अधिकारी की एसएसओ आईडी से एक संविदाकर्मी ने भुगतान की 100 गुणा राशि अलग-अलग छह फर्मों में हस्तांतरित कर दी। हालांकि विकास अधिकारी की सजगता के चलते मामले की तत्काल जानकारी कर ली गई, जिससे राशि पुन: सरकारी खाते में हस्तांतरित कर दी गई है, लेकिन विकास अधिकारी की ओर से संविदाकर्मी के विरुद्ध दर्ज करवाए गए मामले की पुलिस जांच में जुटी हुई है। गौरतलब है कि सरकारी कार्यालयों में आधुनिक दूरसंचार के युग में कोई भी भुगतान करने अथवा प्रमाण पत्र जारी करने में राजस्थान सरकार की एसएसओ आईडी का उपयोग किया जाता है। इस आईडी से कोई भी कार्य करने पर संबंधित अधिकारी के मोबाइल पर पहले ओटीपी जाती है। ओटीपी डालने के बाद ही उनके डिजीटल हस्ताक्षर होते है तथा राशि हस्तांतरण में भी एसएसओ आईडी व ओटीपी का उपयोग होता है। कार्यालय के अधिकारी की ओर से अपने कार्मिक पर विश्वास जताते हुए ओटीपी आने पर उसे बता दी जाती है, लेकिन कार्मिक ही निर्धारित राशि की जगह अधिक राशि, वह भी 100 गुणा राशि यदि हस्तांतरित हो जाए, तो इसे लापरवाही कहे या कुछ और।
यह था मामला
कस्बे में पंचायत समिति सांकड़ा कार्यालय में सरकारी योजनाओं के प्रचार प्रसार के लिए कुछ फर्मों की ओर से कार्य किया गया था। जिसकी राशि का भुगतान संबंधित फर्मों को किया जाना था। भुगतान के दौरान कम्प्यूटर ऑपरेटर की ओर से विकास अधिकारी की एसएसओ आईडी के अनुसार संबंधित फर्मों के खातों में राशि हस्तांतरित करने के दौरान विकास अधिकारी की ओटीपी मांगी गई। ओटीपी के अनुसार फर्मों को राशि हस्तांतरित करने के दौरान 100 गुणा राशि हस्तांतरित कर दी गई। विकास अधिकारी गौतम चौधरी ने पुलिस में रिपोर्ट पेश कर बताया कि संविदाकर्मी कम्प्यूटर ऑपरेटर मुकेश की ओर से उसकी बैस्ड ओटीपी का दुरुपयोग करते हुए बैंक खातों में गलत राशि का हस्तांतरण कर दिया। जिससे राजकोष में हानि हुई। उन्होंने बताया कि ऑपरेटर की ओर से चार जुलाई को पंचायत समिति सांकड़ा के खाते से 7887 की जगह सात लाख 88 हजार 700 रुपए, भणियाणा में 8892 की जगह आठ लाख 89 हजार 200 रुपए, 8854.40 की जगह आठ लाख 85 हजार 440 रुपए, भणियाणा में 8864 की जगह आठ लाख 86 हजार 480 रुपए, सात जुलाई को सांकड़ा में 6915 की जगह छह लाख नौ हजार 1500 रुपए तथा भणियाणा में 8891.20 की जगह आठ लाख 89 हजार 120 रुपए विभिन्न फर्मों के खातों में हस्तांतरित कर दिए गए। इस तरह 42 हजार 24 रुपए के स्थान पर 42 लाख दो हजार रुपए का लेनदेन कर दिया गया।
पुन: राशि की जमा
विकास अधिकारी चौधरी ने तत्काल अपने खाते को संभाला, तो उन्हें अधिक राशि हस्तांतरित हो जाने की जानकारी मिली। जिस पर उन्होंने कार्रवाई करते हुए संबंधित फर्मों से संपर्क किया तथा हस्तांतरित हुई अधिक राशि की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हस्तांतरित की गई अधिक राशि सरकारी खाते में जमा करवा दी गई है। उनकी ओर से इस संबंध में ओटीपी का दुरुपयोग करने व कार्य के प्रति लापरवाही करने पर संविदाकर्मी के विरुद्ध पुलिस में मामला दर्ज करवाया गया है।
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