– पेयजल की किल्लत बनी हुई है। पीने का पानी स्वच्छ नहीं मिलता। टैंकर प्रभावशाली लोगों के घरों तक ही पहुंचते हैं।
– साफ-सफाई की समस्या बनी हुई है। समय पर सफाईकर्मी नहीं आते।
– पार्क में लाइटें नहीं लगी हैं। यहां पानी का बंदोबस्त भी स्थानीय बाशिंदें अपने स्तर पर करते हैं।
– आवासीय कॉलोनी में मिठाई का कारखाना पर्यावरण को प्रदूषित कर रहा है।
– जल निकासी के लिए बनाई सीवरेज और नालियां दोषपूर्ण हैं।
– सड़कों और नालियों की हालत कई जगहों पर खस्ता बनी हुई हैं।
बैठक में आनंदसिंह भाटी, अजयपालसिंह, चंद्रवीरसिंह, निर्मल शेरा, हिम्मतदान चारण, लोकेन्द्र गहलोत, नारायण प्रकाश गोयल, आरसी शर्मा, जितेंद्रसिंह, मनोहरसिंह, प्रदीपसिंह, दिलीपसिंह आदि ने भाग लिया और विचार व्यक्त किए।