चार साल पहले चलाया ऑपरेशन क्लीन स्वीप अभियान
जयपुर शहर को अवैध मादक पदार्थ से मुक्त करने को लेकर पुलिस कमिश्नर आनंद श्रीवास्तव ने चार साल पहले ऑपरेशन क्लीन स्वीप अभियान चलाया था। इस दौरान बड़ी संख्या में तस्करों की धरपकड़ की गई थी, लेकिन प्रभावी सजा नहीं मिलने की वजह से वह जेल से बाहर आते ही वापस अवैध मादक पदार्थों की तस्करी में लग जाते हैं। खास बात यह है कि तस्कर अब पुलिस से बचने के महिलाओं और बच्चों को अपना हथियार बना रहे हैं। परिवार साथ होने से पुलिस को गच्चा देकर भागने में सफल हो जाते हैं।
दिल्ली, पंजाब, उडीसा, बंगाल, झारखंड से आ रहा गांजा
राजधानी जयपुर में सबसे ज्यादा गांजा बिकता है। यह बंगाल और ओडिशा से सप्लाई होता था। अब गांजे की जगह सफेद पाउडर यानि स्मैक भी बिक रही है। बंगाल और ओडिशा के बाद अब बिहार, आंधप्रदेश, छत्तीसगढ, उत्तर प्रदेश समेत अन्य पूर्वोतर राज्यों से नशे की खेप राजस्थान में भेजी जा रही है। यहां तक कि अब नेपाल से भी नशा आना शुरू हो गया हैं। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि चरस, अफीम, गांजा के बाद अब जयपुर में एमडी ड्रग तक पैडलर्स के पास उपलब्ध है। अधिकतर रेव पार्टियों में यह ड्रग यूज की जाती है।