दरअसल, 3,737 स्कूलों में करीब छह लाख सीटों पर आवेदन लिए गए थे। लेकिन इस बार अभिभावकों का अंग्रजी माध्यम स्कूलों में रुझान कम देखने को मिला।
राजस्थान में 1.20 लाख ही आवेदन आए। यानी इस बार 85 फीसदी सीटें खाली जाएंगी। राज्य के जिला मुख्यालय पर संचालित स्कूलों में ही आवेदन का क्रेज देखने को मिला। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर का कहना है कि हमने स्कूलों को रिव्यू करने के निर्देश दिए हैं। बंद नहीं कर रहे। लॉटरी की प्रक्रिया जल्द ही शुरू करवा दी जाएगी। अधिकारियों से बात करेंगे।
स्कूलों का रिव्यू कर रही सरकार
गत सरकार में अंग्रेजी माध्यमा स्कूल खोले गए थे। लेकिन भाजपा सरकार आने के बाद इनका रिव्यू करने के निर्देश शिक्षा मंत्री ने दिए। इस बीच विभाग की ओर से एक सर्कुल भी जिला शिक्षा अधिकारियों को जारी किया गया। इसमें कहा कि जहां अंग्रेजी माध्यम स्कूलों को हिंदी में रूपांतरित करने की मांग की जा रही है वहां फॉर्मेट में जानकारी लिखकर भेजनी होगी।
हर वर्ग के अभिभावक कराते एडमिशन
प्रदेशभर में फैले महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में बच्चों का प्रवेश हर वर्ग के अभिभावक करा रहे हैं। गत सत्र जयपुर के विद्याधर नगर, गांधी नगर और मानसरोवर के स्कूलों में सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के बच्चों ने प्रवेश लिए। ऐसे में अगर इन बच्चों का एडमिशन नहीं हुआ तो उन्हें हिंदी मीडियम स्कूलों में प्रवेश लेना होगा। अंग्रेजी माध्यम में पढ़ने का सपना अधूरा हो जाएगा या फिर निजी स्कूल में महंगी फीस देनी होगी।