बता दें, शुक्रवार को चौमूं स्थित सारांश कैरियर इंस्टिट्यूट की बस जिसमें 20 से 30 छात्र सवार थे, हादसे का शिकार हो गई। इस हादसे में शिक्षक आनंदी लाल की मौत हो गई, जबकि एक बच्चे के हाथ में फ्रैक्चर हो गया। हादसे के बाद शिक्षा मंत्री ने इस घटना को शिक्षण संस्थानों की लापरवाही का नतीजा बताते हुए कहा कि बच्चों की सुरक्षा को लेकर कोई भी कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
इंस्टिट्यूट पर FIR के आदेश
बताया जा रहा है कि शिक्षा मंत्री ने शिक्षा सचिव कृष्ण कुणाल को सारांश कैरियर इंस्टिट्यूट के खिलाफ प्राथमिकी (FIR) दर्ज करने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थानों को विद्यार्थियों की सुरक्षा के प्रति गंभीर होना चाहिए।
प्रदेशभर में स्कूल वाहनों की होगी जांच
हादसे के बाद शिक्षा मंत्री ने राज्य के सभी निजी स्कूलों और कोचिंग संस्थानों में बच्चों के परिवहन के लिए उपयोग होने वाले वाहनों की जांच के सख्त निर्देश दिए हैं। मंत्री ने आयुक्त परिवहन विभाग राजस्थान सरकार को निर्देश दिए है कि राजस्थान में संचालित सभी निजी विद्यालयों कोचिंग संस्थानों में विद्यार्थियों के आवागमन के लिए सभी बस, टेंपो, टैक्सी, बाल वाहिनी आदि के परमिट फिटनेस की वैधता की जांच अभियान चलाकर सुनिश्चित किया जाए। वाहनों की परमिट और फिटनेस की जांच
बता दें, शिक्षा मंत्री के आदेश के बाद परिवहन विभाग को अभियान चलाकर सभी निजी विद्यालयों और कोचिंग संस्थानों के वाहनों (बस, टेंपो, टैक्सी, बाल वाहिनी) के परमिट और फिटनेस की वैधता की जांच सुनिश्चित करने को कहा गया है। अनफिट वाहनों के खिलाफ तत्काल कानूनी कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है।
निदेशक माध्यमिक और प्रारंभिक शिक्षा बीकानेर को आदेश दिया गया है कि सभी निजी विद्यालय और कोचिंग संस्थान 1 जनवरी 2025 तक अपने वाहनों के फिटनेस कागजात संबंधित मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी के कार्यालय में अनिवार्य रूप से जमा करें।
परिवहन विभाग शुरू करेगा अभियान
इस हादसे के बाद सरकार ने बच्चों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए यह स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी शिक्षण संस्थान को नियमों की अनदेखी की अनुमति नहीं दी जाएंगी। बताया जा रहा है कि परिवहन विभाग जल्द ही इसके लिए अभियान शुरू करेगा। सभी स्कूल और कोचिंग संस्थानों के वाहन जांच के दायरे में आएंगे। लापरवाही करने वाले संस्थानों और अनफिट वाहनों पर कड़ी कार्रवाई होगी।