जयराम रमेश ने लगाए ये आरोप
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने अपने एक्स हैंडल पर लिखते हुए कहा कि, “भाजपा शासित राज्यों में नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री के क़रीबियों को और अमीर बनाने के उद्देश्य से लिए जाने वाले फैसलों का टेंपो तेज़ होता जा रहा है।
राजस्थान और महाराष्ट्र में दो बड़े बिजली टेंडर इस तरह से डिज़ाइन किए गए हैं ताकि बोली लगाने वालों की संख्या कम हो और करदाताओं का और भी ज़्यादा पैसा मोदानी के पास जाए।”
- दोनों राज्य सरकारों ने थर्मल और सौर ऊर्जा स्रोतों में बिजली की संयुक्त ख़रीद के लिए टेंडर जारी किए हैं। सम्मिलित रूप से होने वाली इस ख़रीद से बड़े प्लेयर्स (जैसे मोदानी) को लाभ होगा है जो दोनों क्षेत्रों में काम करते हैं। ख़रीद को दो टेंडरों में विभाजित करने से छोटी कंपनियां, विशेष रूप से नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र वाली, कंपिटीशन करने में सक्षम हो जातीं।
- ये टेंडर मोदानी के प्लान्ड निवेश से पूरी तरह मेल खाती हैं। राजस्थान में जारी टेंडर में स्पष्ट रूप में कहा गया है कि सौर ऊर्जा राज्य के भीतर से ख़रीदी जानी चाहिए – और मोदानी की पहले से ही राजस्थान में एक सोलर प्लांट लगाने की योजना है। महाराष्ट्र में जारी टेंडर अन्य राज्यों में मोदानी के प्लांड निवेश से मेल खाता हुआ दिखता है, जिसमें राष्ट्रीय स्तर पर कहीं से भी बिजली ख़रीदने की इजाज़त है।
अंत में उन्होंने कहा कि, “इसका नतीजा भी विनाशकारी होने जा रहा है। यह एक प्रमुख उद्योग में प्रतिस्पर्धा को सीमित कर देगा और चंद लोगों के अधिकार को बढ़ावा देगा। साथ ही लंबी अवधि में क़ीमतों के कम होने की संभावना को कम कर देगा। हमेशा की तरह, प्रधानमंत्री के मित्र उपभोक्ताओं और करदाताओं की क़ीमत पर लाभ कमाएंगे।”