इस दौरान मुख्यमंत्री शर्मा ने भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार प्रत्येक वर्ग की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सभी के सुझावों को बजट में यथासंभव शामिल करेगी। किसान, पशुपालक व डेयरी प्रतिनिधियों से संवाद में सीएम ने कहा कि उन्नत कृषि तकनीकों के बारे में जानने-समझने के लिए प्रगतिशील किसानों को विदेश भेजा जाएगा।
सीएम ने मुख्यमंत्री कार्यालय में एनजीओ, सिविल सोसाइटी व उपभोक्ता मंच के प्रतिनिधियों तथा किसान, पशुपालक व डेयरी प्रतिनिधियों से बजट पूर्व संवाद किया। सीमए ने कहा कि कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र का राज्य के जीएसडीपी में करीब 30 प्रतिशत हिस्सा है और कृषि एवं पशुपालन से प्रदेश में करीब 85 लाख परिवारों को रोजगार मिल रहा है। किसानों को वर्ष 2027 से दिन के समय में भी बिजली उपलब्ध हो सकेगी। प्रवासी राजस्थानियों के सहयोग से ‘कर्म भूमि से मातृभूमि’ अभियान चलाकर ग्रामीण क्षेत्रों में रेन वाटर रिचार्ज स्ट्रक्चर बनाए जाएंगे, जिससे किसानों को पानी मिल सकेगा। इसके तहत 5 फरवरी से चरणबद्ध रूप से सभी ग्राम पंचायतों में फार्म रजिस्ट्री कैंप आयोजित किए जाएंगे।
………….. एनजीओ, सिविल सोसाइटी व उपभोक्ता मंच के प्रतिनिधि बोले… – ग्रामीण महिलाओं को रोजगार के लिए प्रशिक्षण दिया जाए – सरकार द्वारा वितरित किए जाने वाले सेनेटरी नैपकिन स्वयं सहायता समूहों से तैयार कराएं
– जिला स्तर पर स्वरोजगार केन्द्र बनें – अधिक से अधिक नशा मुक्ति केन्द्र खोले जाएं – सिलिकोसिस बीमारी से रोकथाम के और अधिक प्रयास हों – दिव्यांगों के लिए अलग से स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स हो
– रिसर्च सेंटर फॉर कन्ज्यूमर केयर खोला जाए – प्रवासी श्रमिक बोर्ड का गठन हो – ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका के साधन बढ़ाने के लिए योजना बनाई जाए – बोल नहीं पाने वाले बच्चों के इलाज के लिए योजना बने
– सभी जिलों में खाद्य जांच प्रयोगशालाओं की स्थापना हो – किसान उत्पादक संगठनों से जुड़े किसानों की मदद बढ़ाई जाए – उपभोक्ता हितों व फेयर बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए बोर्ड बने
इस ओर भी दिलाया ध्यान – बड़े सरकारी अस्पतालों पर काम का प्रेशर और छोटे अस्पतालों में मरीज ही नहीं पहुंच रहे – बाल श्रम अभी भी नहीं रुक पाया है – मेडिकल कॉलेज में अध्ययन के लिए शव नहीं मिल रहे
– पर्यटन पर ध्यान दें, इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे किसान-पशुपालक व डेयरी प्रतिनिधियों की राय – खेतों की तारबंदी के लिए मदद देने का क्राइटेरिया डेढ़ हेक्टेयर से घटाकर एक हेक्टेयर किया जाए
– धौलपुर की पार्वती नहर के दोनों ओर सीपेज से खेती को नुकसान हो रहा है – प्रत्येक तहसील पर गोशाला की व्यवस्था हो – तीन साल तक जैविक खेती करने पर लाइसेंस मिलता है, इस अवधि को घटाकर एक साल किया जाए
– जैविक खेती के लिए लाइसेंस फीस को कम किया जाए – बॉयोगैस को बढ़ावा देने के लिए पीएम उज्ज्वला स्कीम का लाभ दिलाया जाए – ऊंटनी के दूध की मार्केटिंग के कार्य में सरकारी सहयोग मिले
– बीकानेर जैसे जिलों में मिड डे मील में ऊंटनी का दूध भी मुहैया कराया जाए