Jaipur Vegetable Price: जयपुर। त्योहारी सीजन का जश्न मनाने के लिए बाजार सज चुके है, लेकिन इन खुशियों को सब्जियों की आसमान छूती कीमतों ग्रहण लगा रही है। पिछले दो वर्षों में अक्टूबर में सब्जियों की कीमतों में ऐसा उछाल नहीं देखा गया। टमाटर के दाम तो जैसे चांद पर पहुंच गए है और प्याज ने तो सबकी आंखों में आंसू ला दिए हैं।
मिर्च भी अपना तीखापन बढ़ा रही है, जबकि आलू और प्याज की कीमतों में भी इजाफा हो रहा है। ऐसे में थाली से सलाद भी गायब हो गया है। दरअसल शहर की सबसे बड़ी मुहाना मंडी में थोक विक्रेताओं से लेकर फुटकर व्यापारियों तक मुनाफाखोरी का खेल चल रहा है, जिससे सब्जियों की कीमतें मनमाने तरीके से बढ़ाई जा रही है।
सब्जी की जगह दाल, गट्टे, कढ़ी
सब्जियों के बढ़ते दामों ने गृहिणियों को चिंतित कर दिया है। अब वे थाली में मंडी की सब्जियों की बजाय घर पर तैयार की गई सब्जियों को प्राथमिकता दे रही हैं। दाल, कढ़ी, गट्टे, राजमा, चने और पापड़ की सब्जी अब मुख्य मैन्यू बन गई हैं।
खुदरा बाजार में लगभग हर सब्जी का भाव 80 से 100 रुपए प्रति किलो के आस-पास पहुंच चुका है। इस महंगाई ने लोगों को पाव या आधा किलो ही सब्जी खरीदने पर मजबूर कर दिया है। अदरक की कीमतें बढ़ने से अब चाय में अदरक की जगह इलायची का स्वाद छाया हुआ है।
आलू और प्याज का हाल
जयपुर मुहाना आलू आढ़तिया संघ के अध्यक्ष मदन कुमार शर्मा के अनुसार आलू की कीमतें थोक में 14 से 20 रुपए प्रति किलो हैं और इस बार फसल भी कम हुई है। प्याज की बात करें तो प्याज व्यापारी दयानंद नेभनानी बताते हैं कि बारिश ने फसल को प्रभावित किया है, जिसके कारण प्याज की थोक कीमतें 30 से 42 रुपए प्रति किलो के बीच हैं।
व्यापारी: तेज बारिश से हानि
फिलहाल, मंडी में 30 से 35 गाड़ियों की बजाय केवल 20 गाड़ियां ही पहुंच रही हैं। लेकिन दिवाली के बाद उम्मीद है कि कीमतों में कमी आएगी, क्योंकि स्थानीय फसल भी आना शुरू होगी। एक अन्य व्यापारी वसीम कुरैशी ने बताया कि थोक में बेंगलूरु से आने वाले टमाटर की कीमत 50 से 55 रुपए, नासिक से आने वाले की 40 रुपए और औरंगाबाद से आने वाले की 45 रुपए प्रति किलो तक है। ऐसे में राहत की उम्मीद दिवाली के बाद है।