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जयपुर

भजनलाल सरकार के एक्शन मोड में आने का इंतजार, अटकी हुई भर्तियों को लेकर आई ये अपडेट

प्रदेश में नई सरकार के एक्शन मोड में आने का इंतजार विश्वविद्यालय भी कर रहे हैं। राजधानी में संचालित हो रहे वित्त पोषित विश्वविद्यालय शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं। विश्वविद्यालयों में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में भर्तियां नहीं हो पाईं।

जयपुरDec 21, 2023 / 07:58 am

Kirti Verma

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प्रदेश में नई सरकार के एक्शन मोड में आने का इंतजार विश्वविद्यालय भी कर रहे हैं। राजधानी में संचालित हो रहे वित्त पोषित विश्वविद्यालय शिक्षकों की कमी से जूझ रहे हैं। विश्वविद्यालयों में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में भर्तियां नहीं हो पाईं। सरकारी स्तर पर ही भर्तियां अटकी रहीं। अब उम्मीद की जा रही है कि नई सरकार आने के बाद विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की भर्तियां हो पाएंगी। राजधानी में राजस्थान विश्वविद्यालय सहित पत्रकारिता, लॉ और स्किल यूनिवर्सिटी संचालित की जा रही है।

पत्रकारिता विवि : भर्ती ठंडे बस्ते में
हरदेव जोशी पत्रकारिता विश्वविद्यालय में साल 2021 में 23 शिक्षक और एक लाइब्रेरियन पद पर भर्ती का विज्ञापन निकाला गया। आवेदन भी ले लिए गए। विश्वविद्यालय ने आवेदनों की जांच के लिए स्क्रीनिंग कमेटी भी बना दी। लेकिन कुलपति के कार्यकाल को तीन महीने शेष रहने के कारण नीतिगत निर्णय नहीं लेने के नियम के कारण भर्ती प्रक्रिया रुक गई। अभी मामला ठंडे बस्ते में है।


लॉ यूनिवर्सिटी : 40 अशैक्षणिक और 35 शैक्षणिक पदों पर भर्ती अटकी
डॉ. भीमराव अंबेडकर लॉ विश्वविद्यालय में नवंबर 2021 में 40 अशैक्षणिक और 35 शैक्षणिक पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई। पंद्रह चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी और 25 लिपिक पदों पर लाखों रुपए खर्च कर परीक्षा भी ली गई। 35 शिक्षकों के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी। अशैक्षणिक पदों पर 40 अभ्यर्थियों का चयन कर लिया। नियुक्ति पत्र जारी करने से पहले ही भर्तियों में अनियमितता का आरोप लगने के बाद राजभवन ने रोक लगा दी। मामले में जांच कमेटी भी बनाई गई। कमेटी आज तक रिपोर्ट नहीं दे पाई। प्रक्रिया फिर शुरू नहीं हो पाई।

राजस्थान यूनिवर्सिटी : 700 शिक्षकों की कमी
राजस्थान विश्वविद्यालय की स्थापना को 76 वर्ष हो चुके हैं। वर्तमान स्थिति देखें तो विश्वविद्यालय सिमटता जा रहा है। अभी राजस्थान यूनिवर्सिटी के अधीन सिर्फ दो जिले ही रह गए हैं। विश्वविद्यालय में अब भी करीब 700 शिक्षकों के पद रिक्त हैं। वर्तमान मेें 455 शिक्षक कार्यरत हैं। विश्वविद्यालय में करोड़ों के संसाधन बेकार पड़े हैं, जिन्हें चलाने के लिए स्टॉफ नहीं है। वहीं, अशैक्षणिक कार्मिकों के पद रिक्त चल रहे हैं।

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स्किल यूनिवर्सिटी : स्थायी कुलपति नहीं, न ही कैंपस
सरकार ने 2017 में स्किल यूनिवर्सिटी की शुरुआत की। विश्वविद्यालय के पास खुद का कैंपस नहीं है। हालांकि सरकार ने दिल्ली रोड पर जमीन दी है। अभी प्रदेश में स्किल्ड डिग्री, डिप्लोमा देने वाले संस्थान इस यूनिवर्सिटी के अधीन आते हैं। सरकार ऑफिस खर्च के रूप में विश्वविद्यालय को ग्रांट देती है।
राजधानी के वित्त पोषित विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की कमी चल रही है। विश्वविद्यालयों में शिक्षा का स्तर सुधारना है तो भर्तियां जरूरी हैं। सरकार बनने के बाद भर्ती प्रक्रिया शुरू होनी चाहिए। जयपुर को एजुकेशन हब तो बनाया जा रहा है लेकिन गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा भी उपलब्ध करानी होगी।
आरके कोठारी, पूर्व कुलपति, राजस्थान विश्वविद्यालय

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