पर्यटन का होगा अंतरराष्ट्रीय प्रचार
मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान के ऐतिहासिक स्थलों और मेलों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए विशेष मार्केटिंग रणनीति बनाई जाएगी। इससे पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी और राज्य के राजस्व में इजाफा होगा। उन्होंने अधिकारियों से दिल्ली, उत्तर प्रदेश और गुजरात के पर्यटन मॉडल्स का अध्ययन करने और उन्हें राजस्थान में लागू करने के लिए नवाचार करने का निर्देश दिया।
रोजगार के अवसर बढ़ाने की प्रतिबद्धता
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि “पर्यटन कौशल विकास कार्यक्रम” के तहत अगले दो वर्षों में 20,000 युवाओं और लोक कलाकारों को आतिथ्य और पारंपरिक कला में प्रशिक्षित किया जाएगा। यह कदम रोजगार सृजन के साथ राज्य की सांस्कृतिक विरासत को जीवंत बनाए रखने में मदद करेगा।
प्राचीन स्मारकों का सौंदर्यीकरण
मुख्यमंत्री ने राजस्थान के स्मारकों और पेनोरमा को और अधिक आकर्षक बनाने पर जोर दिया। उन्होंने रामगढ़ क्रेटर साइट, सांभर झील क्षेत्र और आमेर किले जैसे स्थलों के विकास की योजना बनाई है। इसके अलावा, “महाराणा प्रताप टूरिस्ट सर्किट” और “लाइट एंड साउंड शो” जैसे प्रोजेक्ट्स का उन्नयन भी प्राथमिकता पर है।
युवाओं को जोड़ा जाएगा विरासत से
राजस्थान की ऐतिहासिक धरोहरों से युवा पीढ़ी को परिचित कराने के लिए स्कूल स्तर पर क्षेत्रीय पर्यटन यात्राएं आयोजित की जाएंगी। यह पहल न केवल शिक्षा का एक नया तरीका होगी बल्कि विरासत के प्रति युवाओं में सम्मान और रुचि भी बढ़ाएगी।
नवीन पर्यटन नीति जल्द
राज्य में “इको टूरिज्म,” “रूरल टूरिज्म,” और “एडवेंचर टूरिज्म” को बढ़ावा देने के लिए एक नई पर्यटन नीति जल्द लागू होगी। इसके लिए 100 करोड़ रुपये की कार्ययोजना तैयार की गई है।
पर्यटन से जीडीपी में वृद्धि का लक्ष्य
बैठक में बताया गया कि पर्यटन राज्य की जीडीपी में 5.6% योगदान देता है। आगामी “राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट” में पर्यटन से जुड़े एमओयू रोजगार के नए द्वार खोलेंगे। मुख्यमंत्री की इस पहल से राजस्थान न केवल पर्यटन का स्वर्णिम गंतव्य बनेगा, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को भी नई ऊंचाई पर ले जाएगा।