वन विभाग के अनुसार बाघिन के साथ कैमरे में कैद हुए शावक करीब तीन माह के है। वन विभाग की ओर से एहतियात के तौर पर बाघिन व शावकों की लगातार मॉनिटरिंग कराई जा रही है।
वन अधिकारियों ने बताया कि बाघिन टी-63 की उम्र करीब दस साल है। और यह बाघिन टी-19 यानि कृष्णा की संतान है। जानकारी के अनुसार मई 2011 में यह बाघिन पहली बार नजर आई थी। यह कृष्णा के लिटर की संतान है। बाघिन टी-63 ने दूसरी बार शावकों को जन्म दिया है। इससे पहले अक्टूबर 2018 में भी बाघिन खण्डार रेंज के लाहपुर व ओदीख्राोह इलाके में ही दो शावकों के साथ कैमरे में कैद हुई थी।
वनाधिकारियों ने बताया कि रणथम्भौर प्रथम में अब बाघ- बाघिनों की संख्या 77 तक पहुंच गई है। इसमें 20 बाघ, 30 बाघिन व 27 शावक शामिल हैं। इसके अलावा रणथम्भौर के दूसरे डिवीजन करौली के कैलादेवी अभयारण्य में भी करीब दस बाघ बाघिव व शावक विचरण कर रहे हैं।
रणथम्भौर की खण्डार रेंज में बाघिन टी-63 तीन शावकों के साथ कैमरे में कैद हुई है। शावकों की उम्र करीब तीन माह है। बाघिन की मॉनिटरिंग कराई जा रही है।
– टीकमचंद वर्मा, सीसीएफ, रणथम्भौर बाघ परियोजना, सवाईमाधोपुर।