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जयपुर

रणथम्भौर में फिर गूंजी किलकारी, बाघिन टी-63 ने दिया शावकों को जन्म

दीपावली से पूर्व रणथम्भौर में एक बार फिर से नन्हे शावकों की किलकारी गूंज गई है।

जयपुरOct 31, 2021 / 07:02 pm

Kamlesh Sharma

Tigress T-63 gave birth to cubs in Ranthambore Tiger Reserve

दीपावली से पूर्व रणथम्भौर में एक बार फिर से नन्हे शावकों की किलकारी गूंज गई है।

सवाईमाधोपुर। दीपावली से पूर्व रणथम्भौर में एक बार फिर से नन्हे शावकों की किलकारी गूंज गई है। रणथम्भौर की खण्डार रेंज के लाहपुर, चिनावली व ओदीखोह इलाके में बाघिन टी-63 तीन शावकों के साथ वन विभाग के फोटो ट्रैप कैमरे में कैद हुई है। ऐसे में अब एक बार फिर से रणथम्भौर में बाघों का कुनबा बढ़ गया है। इससे वन्यजीव प्रेमियों में खुशी की लहर है।
तीन माह के बताए जा रहे शावक
वन विभाग के अनुसार बाघिन के साथ कैमरे में कैद हुए शावक करीब तीन माह के है। वन विभाग की ओर से एहतियात के तौर पर बाघिन व शावकों की लगातार मॉनिटरिंग कराई जा रही है।
दूसरी बार बनी मां
वन अधिकारियों ने बताया कि बाघिन टी-63 की उम्र करीब दस साल है। और यह बाघिन टी-19 यानि कृष्णा की संतान है। जानकारी के अनुसार मई 2011 में यह बाघिन पहली बार नजर आई थी। यह कृष्णा के लिटर की संतान है। बाघिन टी-63 ने दूसरी बार शावकों को जन्म दिया है। इससे पहले अक्टूबर 2018 में भी बाघिन खण्डार रेंज के लाहपुर व ओदीख्राोह इलाके में ही दो शावकों के साथ कैमरे में कैद हुई थी।
77 तक पहुंची बाघ- बाघिन की संख्या
वनाधिकारियों ने बताया कि रणथम्भौर प्रथम में अब बाघ- बाघिनों की संख्या 77 तक पहुंच गई है। इसमें 20 बाघ, 30 बाघिन व 27 शावक शामिल हैं। इसके अलावा रणथम्भौर के दूसरे डिवीजन करौली के कैलादेवी अभयारण्य में भी करीब दस बाघ बाघिव व शावक विचरण कर रहे हैं।
इनका कहना है…
रणथम्भौर की खण्डार रेंज में बाघिन टी-63 तीन शावकों के साथ कैमरे में कैद हुई है। शावकों की उम्र करीब तीन माह है। बाघिन की मॉनिटरिंग कराई जा रही है।
– टीकमचंद वर्मा, सीसीएफ, रणथम्भौर बाघ परियोजना, सवाईमाधोपुर।

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