डीएफओ जगदीश गुप्ता ने बताया कि टीम करीब 1400 किलोमीटर की दूरी तय कर 7 वर्षीय बाघिन ‘भक्ति’को लेकर आज सुबह 8.30 बजे नारगढ़ बायोलॉजिकल पार्क पहुंची। उपवन संरक्षक जगदीश गुप्ता की मौजूदगी में बाघिन को कराल में शिफ्ट किया गया है। बाघिन को अभी 21 दिन क्वॉरेंटाइन रखा जाएगा। इसके बाद इसका यहां पहले से मौजूद बाघ शिवाजी के साथ जोड़ा बनाने का प्रयास किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि पुणे के राजीव गांधी जूलॉजिकल नेशनल पार्क से बाघिन ‘भक्ति’ को लेने के लिए दो मार्च को नाहरगढ़ जैविक उद्यान से वरिष्ठ वन्यजीव चिकित्सक डॉ. अरविंद माथुर के नेतृत्व में टीम रवाना हुई थी। वो सोमवार को पुणे पहुंची थी। टीम गुरुवार को पुणे के राजीव गांधी जूलॉजिकल नेशनल पार्क से बाघिन भक्ति को लेकर जयपुर के लिए रवाना हुई और आज सुबह जयपुर पहुंची।
बाघिन को नाहरगढ़ जैविक उद्यान में लाते ही मल मूत्र का सैंपल लिया गया और कराल में शिफ्ट किया गया। अब बाघिन को 21 दिन के लिए क्वारंटीन रखा जाएगा। यह पीरियड पूरा होने के बाद उसे बाघ शिवाजी के साथ जोड़ा बनाने का प्रयास किया जाएगा। सैलानी इसका दीदार सफारी के दौरान ही कर पाएंगे। क्योंकि इसे संभवत: डिस्प्ले एरिया में नहीं रखा जाएगा।
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वन अधिकारियों की मानें तो सफारी के लिए महाराष्ट्र के नागपुर से भी एक बाघ-बाघिन का जोड़ा लाया जाएगा। इसके लिए केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण की स्वीकृति का इंतजार किया जा रहा है। जैसे ही वहां से हरी झंडी मिलेगी। यहां से टीम रवाना कर दी जाएगी।