प्रहलाद के पिता मालसिंह पेशे से किसान हैं। पांच बच्चों में प्रहलाद तीसरे नंबर के थे। बड़े भाई रणजीत सिंह, बडी बहन सुमन कवंर, छोटे भाई युवराज और छोटी बहन मिथलेश कवंर…। यही परिवार था प्रहलाद सिंह का। दोनो बहनों का लाड़ला था भाई। परिवार के सदस्यों ने बताया कि बुधवार सवेरे जब दौसा जिले में चोर का पीछा करने के दौरान गोली लगी उससे एक रात पहले ही यानि मंगलवार रात को ही छोटी बहन से बात हुई थी फोन पर। प्रहलाद ने बहन को कहा था कि वह रक्षाबंधन पर आ रहा है, तैयार रहना। छुट्टी भी मिल जाएगी और उसी दिन गांव में मुलाकात होगी। लेकिन अब रक्षाबंधन से पांच दिन पहले ही प्रहलाद अपने गांव पहुंच गए हैं, लेकिन तिरंगे में लिपटकर। बहनों का रो रोकर हाल बेहाल है। परिवार में चार साल की बेटी और सात साल का बेटा भी हैं। दोनो बच्चे अपनी मां से लिपटे हैं।
दोस्तों के बीच बबलू सिंह के नाम से फेमस थे प्रहलाद सिंह। दौसा जिले में पहाड़ी पर स्थित नीलकंठ महादेव के परम भक्त। उनके साथियों ने कहा कि हमारे बबलू सिंह को लोग बबलू भैया कहते थे। हर किसी की मदद को हमेशा तैयार रहने वाले बबलू भैया के परिवार की मदद अब हमारी जिम्मेदारी है। कल रात ही एक गु्रप बनाया गया और उस पर मदद का सिलसिला शुरू हो गया है। कुछ ही घंटों में तीन सौ पचास से भी ज्यादा लोगों ने करीब साढ़े तीन लाख रुपए जोड़ लिए हैं।