1971 में अमेरिकन सेबर जेट का कचूमर बना चुकी 18वीं स्क्वाड्रन अब ‘तेजस’ उड़ाएगी
जयपुर. भारतीय वायुसेना की 18वीं स्क्वाड्रन ‘फ्लाइंग बुलेट’ चौथी पीढ़ी के जिस तेजस विमान के साथ फिर से आॅपरेशनल होने जा रही है, वह एक ऐसा कीर्तिमान बना चुकी है, जिसे आज तक दुनिया की कोई भी वायुसेना तोड़ नहीं पाई है।
1971 में अमेरिकन सेबर जेट का कचूमर बना चुकी 18वीं स्क्वाड्रन अब ‘तेजस’ उड़ाएगी
स्क्वाड्रन ने 1971 में द्धितीय विश्वयुद्ध काल के विमान ‘नेट’ उड़ाकर तीसरी पीढ़ी के उन अमेरिकन सेबर जेट विमानों का कचूमर बना दिया था जिन्हें अमेरिका ने उस वक्त तक नाटो देशों के अलावा सिर्फ पाकिस्तान को ही दिया था। इसके लिए स्क्वाड्रन के लड़ाकू पायलट निर्मलजीत सिंह सेखो को इसके लिए मरणोपरांत परमवीर चक्र हासिल करने का गौरव भी मिला था। वायुसेनाओं के इतिहास में इस तरह का कीर्तिमान आज तक कोई अन्य वायुसेना नहीं बना पाई है।
1971 में उन्नत तकनीक और ध्वनि की गति से उड़ने वाले सेबर जेट को प्राप्त कर पाकिस्तानी वायुसेना मदमस्त हाथी जैसा व्यवहार कर रही थी। लड़ाई शुरू होते ही पाकिस्तानी सेबर जेटों ने भारत के अग्रिम हवाई अड्डों पर पहला सफल हमला कर वायुसेना को चौंका दिया था, लेकिन 18वीं स्क्वाड्रन ने सेबर की ताकत का मुकाबला नेट से करने का फैसला किया। बता दें कि उस जमाने में सेबर के सामने नेट की स्थिति बाज के सामने चिड़िया जैसी थी। स्क्वाड्रन के फैसले ने हवाई युद्ध की तस्वीर बदल दी।
स्क्वाड्रन के जवाबी हमले में कई सेबर को जमीन सुंघा दी गई। जिन निर्मलजीत सिंह सेखो को परमवीर चक्र से नवाजा गया, उनके अकेले के नाम तीन सेबर जेट गिराने का कीर्तिमान दर्ज है।
यहां उल्लेखनीय है कि भारतीय वायुसेना के चीफ ऑफ एयर स्टाफ एयर चीफ मार्शल आर. के. एस. भदौरिया 27 मई को एयरफोर्स की 18 स्क्वाड्रन ‘फ्लाइंग बुलेट’ का परिचालन शुरू करेंगे। कार्यक्रम का आयोजन कोयम्बटूर के पास सुलूर एयरफोर्स स्टेशन पर किया जाएगा।
रक्षा मंत्रालय की प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, यह स्क्वाड्रन एलसीए तेजस विमान से लैस होगी। तेजस को उड़ाने वाली वायुसेना की यह दूसरी स्क्वाड्रन होगी।
स्क्वाड्रन 18 का गठन 15 अप्रैल 1965 को आदर्श वाक्य ‘तीव्र और निर्भय’ के साथ किया गया था। एयरफोर्स यह स्क्वाड्रन 15 अप्रैल 2016 से पहले मिग 27 विमान उड़ा रही थी। स्क्वाड्रन को इस साल 1 अप्रैल को सुलूर में फिर से शुरू किया गया था।
इस स्क्वाड्रन ने श्रीनगर में ‘डिफेंडर्स ऑफ कश्मीर वैली’ का पहला ग्राउंड बनाया और इसे संचालित किया। तेजस एक स्वदेशी चौथी पीढ़ी का टेललेस कंपाउंड डेल्टा विंग लड़ाकू विमान है। यह फाइटर जेट फ्लाई-बाय-वायर फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम, एकीकृत डिजिटल एवियोनिक्स, मल्टीमॉड रडार से लैस है। यह चौथी पीढ़ी के सुपरसोनिक लड़ाकू विमानों के अपने समूह में सबसे हल्का और सबसे छोटा विमान है।
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