बांध के बनने से पूर्व ये पानी बनास नदी में मिलकर गुजरात चला जाता था। अब ये पानी जिलेवासियों को मिलने से पानी की किल्लत दूर होगी। बांध के पानी का लाभ 2.15 लाख लोगों को मिलेगा। इसमें सिरोही, पिंडवाड़ा, सरूपगंज-भावरी शहर और 36 गांवों को जलापूर्ति की जाएगी। वहीं 4 गांवों के काश्तकारों को बांध से सिंचाई के लिए पानी दिया जाएगा।
सिंचाई कार्य के लिए जल संसाधन विभाग द्वारा टेंडर जारी कर दिए गए थे, लेकिन आचार संहिता की वजह से वर्क ऑर्डर जारी नहीं हो सके थे। अब शीघ्र ही ये कार्य शुरू होगा। बांध परियोजना के सहायक अभियंता मनीष शर्मा के अनुसार बांध का निर्माण कार्य पूरा हो गया है। जिले के तीन शहरों और 36 गांवों को बांध से पेयजल की आपूर्ति होगी।
बांध में कुल 577 एमसीएफटी भराव क्षमता है। इसमें से 500 एमसीएफटी पानी उपयोग वितरण में किया जाएगा. इसमें 270 एमसीएफटी पेयजल में और 230 एमसीएफटी पानी सिंचाई में उपयोग किया जाएगा। बांध के कमांड क्षेत्र 900 हैक्टेयर में चार गांवों को सिंचाई के लिए पानी दिया जाएगा।
वर्ष 2015 में हुई थी बांध की घोषणा
पूर्ववर्ती भाजपा सरकार में वर्ष 2015-16 में कुल 213 करोड़ की लागत से इस बांध परियोजना की घोषणा की थी। इसके बाद वर्ष 2016 में 228 करोड़ की वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृति जारी हुई थी। इस मानसून में इस बांध में पानी की अच्छी आवक की उम्मीद है। बत्तीसा नाला की शुरुआत भाखर क्षेत्र की पहाडियों से आने वाले पानी से हुई थी। अब इस पानी का बांध से जिले में पेयजल और सिंचाई में उपयोग होगा।