एसओजी ने आईपीसी, नकल विरोधी अधिनियम व सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की विभिन्न धाराओं में दर्ज मामले में याचिकाकर्ता को 11 अप्रेल को पकड़ा। याचिकाकर्ता पर पेपरलीक के आरोपियों को एक से दूसरी जगह पहुंचाने और कुछ परीक्षार्थियों को परीक्षा केन्द्र पहुंचाने का आरोप है। चार्जशीट में उसके खिलाफ पेपरलीक मामले में शामिल होने से संबंधित कोई प्रमाण नहीं है। इसके बावजूद अधीनस्थ अदालत ने उसे जमानत पर रिहा करने से इंकार कर दिया।
विशेष लोक अभियोजक अनुराग शर्मा ने कहा कि याचिकाकर्ता ने आरोपियों की मदद की। इनमें भांबू व पेपरलीक गैंग के अन्य सदस्य शामिल हैं। कुछ परीक्षार्थी को याचिकाकर्ता ने परीक्षा केन्द्र छोड़ा। कोर्ट ने जमानत याचिका मंजूर करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता ने केवल आरोपियों को एक से दूसरी जगह छोड़ा। कोर्ट ने कहा कि एक लाख रुपए के निजी मुचलके और 50 हजार-50 हजार रुपए के दो जमानती पेश होने पर याचिकाकर्ता को रिहा कर दिया जाए।