सुबह 7:30 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। भंवर लाल शर्मा के निधन से कांग्रेस के साथ-साथ पूरे शेखावाटी अंचल में शोक की लहर है। भंवर लाल शर्मा को कांग्रेस पार्टी के बड़े ब्राह्मण चेहरों में शुमार किया जाता था। वरिष्ठ विधायक भंवर लाल शर्मा के निधन पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने भी शोक व्यक्त करते हुए राजस्थान की राजनीति में इसे बड़ी क्षति बताया है
सरदार शहर में होगा अंतिम संस्कार इधर
कांग्रेस के दिग्गज विधायक रहे भंवरलाल शर्मा का अंतिम संस्कार सरदार शहर में ही किया जाएगा। उनके पुत्र अनिल शर्मा ने बताया कि अंतिम दर्शनों के लिए उनकी पार्थिक देह विद्याघर नगर के ब्राह्मण महासभा के कार्यालय रखी गई, जहां लोग उनकी पार्थिव देह के अंतिम दर्शन कर रहे हैं। उसके बाद दोपहर को उनके पार्थिव शरीर को सरदार शहर ले जाया जाएगा जहां पर सोमवार को दोपहर उनका अंतिम संस्कार होगा। उनके अंतिम संस्कार में गहलोत सरकार के कई मंत्री विधायक भी मौजूद रहेंगे।
15 वीं विधानसभा के छठे विधायक जिनका निधन हुआ
भंवर लाल शर्मा 15 वीं विधानसभा के छठे ऐसे सदस्य हैं जिनका निधन हुआ है, इससे पहले कांग्रेस के कैलाश त्रिवेदी, भंवर लाल मेघवाल, गजेंद्र सिंह शक्तावत, बीजेपी विधायक गौतम लाल मीणा और किरण माहेश्वरी भी निधन हो चुका है।
भंवर लाल शर्मा का सियासी सफर
भंवर लाल शर्मा का जन्म 17 अप्रैल 1945 को सरदार शहर में हुआ था। 1962 में भंवर लाल शर्मा पहली बार सरदारशहर की जैतसीसर ग्राम पंचायत के सरपंच बने, उसके बाद साल 1962 से 1982 तक सरपंच रहे और इसके बाद 1982 में वह सरदारशहर पंचायत समिति के प्रधान चुने गए। भंवरलाल शर्मा ने 1985 में लोकदल से पहला राजस्थान विधानसभा चुनाव लड़ा और जीतकर विधायक बने। विधायक बनने के बाद शर्मा ने जनता दल पार्टी की सदस्यता ली।
1990 में दूसरी बार जनता दल के विधायक बनने में सफल रहे। दूसरी बार विधायक बनने पर भंवरलाल शर्मा को तत्तकालीन सरकार में कैबिनेट मंत्री बनाया गया था। फिर इन्होंने कांग्रेस ज्वाइन करते हुए 1996 में राजस्थान विधानसभा उपचुनाव जीता। साल 1998, 2003, 2013 और 2018 के चुनाव में कांग्रेस की टिकट पर विधायक बने।
गहलोत सरकार के तीनों कार्यकाल में नहीं बन पाए थे मंत्री
भंवरलाल शर्मा गहलोत सरकार के तीनों कार्यकाल में मंत्री बन पाए थे। वो गहलोत सरकार के 1998, 2003 और 2018 के कार्यकाल में चुनाव जीतन के बावजूद उन्हें मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया था।
सियासी संकट में दिया था पायलट कैंप का साथ
साल 2020 में सचिन पायलट कैंप की बगावत के चलते गहलोत सरकार पर आए सियासी संकट के दौरान भंवरलाल शर्मा ने सचिन पायलट कैंप का साथ दिया था। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और भंवर लाल शर्मा के सरकार गिराने के कथित ऑडियो वायरल होने के बाद पार्टी ने भंवर लाल शर्मा को निलंबित भी कर दिया था, लेकिन बाद में भंवर लाल शर्मा की सदस्यता फिर से बहाल कर दी गई थी। हालांकि तब से ही भंवर लाल शर्मा की तबीयत भी नासाज रहने लगी थी, वो पार्टी कार्यक्रमों में भी कम ही नजर आते थे।
वीडियो देखेंः- भंवर लाल शर्मा ने की सीएम गहलोत से मुलाकात