पूनियां का तीन साल का कार्यकाल पूरा, क्या नए साल में भाजपा को मिलेगा नया अध्यक्ष
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां का तीन साल का कार्यकाल 27 दिसंबर यानि मंगलवार को पूरा हो रहा है। अगले साल राजस्थान और 2024 को लोकसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में पार्टी उन्हें इस पद पर रखेगी या नहीं, इस पर असमंजस बरकरार है।
पूनियां का तीन साल का कार्यकाल पूरा, क्या नए साल में भाजपा को मिलेगा नया अध्यक्ष
जयपुर। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां का तीन साल का कार्यकाल 27 दिसंबर यानि मंगलवार को पूरा हो रहा है। अगले साल राजस्थान और 2024 को लोकसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में पार्टी उन्हें इस पद पर रखेगी या नहीं, इस पर असमंजस बरकरार है। पूनियां के तीन साल के कार्यकाल पर नजर डाली जाए तो जून 2019 में बीजेपी के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष मदन लाल सैनी के निधन के बाद बीजेपी केंद्रीय नेतृत्व ने 14 सितंबर को पूनियां की नियुक्ति की थी। इसके बाद 27 दिसंबर, 2019 में सतीश पूनियां पार्टी प्रदेश अध्यक्ष पद पर विधिवत निर्वाचित भी हो गए। अब तीन साल का कार्यकाल पूरा हो चुका है, ऐसे में पार्टी उनके काम का आकलन कर रही है, जिसके आधार पर ही उन्हें रखने या हटाने पर फैसला होगा।
पूनियां के प्रदेशाध्यक्ष रहते राजस्थान में 8 सीटों पर उप चुनाव हुए हैं। इसमें 6 सीटों पर सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी जीती, जबकि भाजपा के खाते में सिर्फ एक सीट आई। एक सीट पर रालोपा ने जीत दर्ज की। यही नहीं निकाय और पंचायत चुनाव में भी पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है। ऐसे में उनके कार्यकाल में हुए उप चुनाव में पार्टी बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाई है।
जन आक्रोश यात्रा के जरिए दिखा रहे हैं दमखम पूनियां के तीन साल के कार्यकाल का सबसे बड़ा प्रदर्शन जनाक्रोश यात्रा को माना जा रहा है। दिसंबर में शुरू हुई इस जनाक्रोश यात्रा के जरिए जनता का मन टटोला जा रहा है। लाखों शिकायतें पार्टी को मिल चुकी हैं और काफी हद तक रथ यात्रा सभी 200 विधानसभा सीटों पर पहुंचने का दावा किया जा रहा है। हालांकि बड़े नेताओं की यात्रा से दूरी अब भी चर्चा का विषय है। यही नहीं जिस दिन जेपी नड्डा ने जयपुर से इस आक्रोश यात्रा को हरी झंडी दिखाई, उस दिन भी रामलीला मैदान में कुर्सियों का खाली होना कई संदेश देकर गया।
गुटबाजी खत्म नहीं, सीएम चेहरे पर सस्पेंस तीन साल के कार्यकाल में पार्टी में गुटबाजी का खात्मा भी नहीं हो पाया। राजे, पूनियां, गजेंद्र शेखावत सहित कई गुटों में पार्टी बंटी हुई नजर आई। यही वजह है कि पार्टी अभी तक सीएम चेहरा घोषित नहीं कर पाई है। पार्टी के बड़े नेता यही कह रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ही अगला चुनाव लड़ा जाएगा।
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