रैली में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी के सामने 6 लोकसभा क्षेत्रों के कांग्रेस नेता भीड़ जुटाने में असफल रहे। रैली के बाद पार्टी के शीर्ष नेताओं ने नाराजगी भी व्यक्त की और नेताओं की जिम्मेदारी तय करने के निर्देश दिए थे।
कौन कितनी भीड़ लाया, दिखाना होगा
पार्टी सूत्रों की माने तो प्रदेश में केंद्रीय नेताओं की आगे से जितनी भी जनसभाएं होंगी, उसके लिए पहले ही नेताओं को भीड़ लाने की जिम्मेदारी तय की जाएगी। कौन नेता कितनी भीड़ लाया इसके लिए बाकायदा लिखित में एंट्री होगी।जहां भी जनसभा होगी उसके आसपास तीन से चार किलोमीटर पहले पार्टी की ओर से अलग-अलग चेक पोस्ट बनाए जाएंगे जहां पर किस नेता के साथ कितनी बसें और गाड़ियां आई हैं और उनमें कितने लोग हैं उसकी वीडियोग्राफी भी होगी। बाद यह रिपोर्ट प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा को भेजी जाएगी। विशेषकर भीड़ जुटाने की जिम्मेदारी पार्टी के विधायकों, जिलाध्यक्षों और लोकसभा क्षेत्र के प्रत्याशियों की होगी।
6 जिलों के 19 विधायक और लोकसभा प्रत्याशी नहीं जुटा पाए भीड़
जयपुर रैली में जयपुर शहर, जयपुर ग्रामीण, दौसा,सीकर, अलवर और अजमेर जिले में कांग्रेस के 19 विधायक हैं और 6 लोकसभा प्रत्याशियों के साथ ही विधानसभा प्रत्याशी रहे नेता भी भीड़ जुटा पाए थे। गौरतलब है कि पहले चरण के चुनाव के तहत कांग्रेस ने शनिवार को खरगे, सोनिया और प्रियंका की चुनावी सभा के जरिए प्रचार अभियान को गति देने के प्रयास किया था, लेकिन रैली स्थल पर उम्मीद के मुताबिक भीड़ नहीं आ पाई।
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