लेकिन प्रदेशभर के रेजिडेंट चिकित्सक अब इस नीति के विरोध में उतर गए हैं। बॉन्ड नीति की प्रक्रिया इस साल परीक्षा के पूर्व ही शुरू हो जानी चाहिए थी, लेकिन वह अब 6 माह बाद अक्टूबर में शुरू की गई।
इस मध्य अवधि में सभी रेजिडेंट्स को बिना पूर्व सूचना तथा बॉन्ड की शर्तों के विपरीत दस्तावेज प्रदान नहीं करने एवं सरकार की लेटलतीफी से रेजिडेंट्स को 5 महीने का वेतन नहीं मिला। अब रेजिडेंटस् की मांग है कि राज्य सरकार रेजिडेंट्स को 5 माह का का वेतन दे या फिर बॉन्ड नीति में छूट दे।