बता दे कि 188 साल पुराने महल 1835 में बनाया गया था। जिसे होटल के रूप में तब्दील किया गया। यह रानी की पसंदीदा हैंडमेडेन का घर था और फिर यह शाही गेस्टहाउस और हंटिंग लॉज बना। 1925 में रामबाग पैलेस जयपुर के महाराजा का स्थायी निवास बन गया। रामबाग पैलेस अपने मेहमानों को राजपूत आतिथ्य की बेहतरीन परंपरा से शाही जीवन का अनुभव भी कराता है। यह पैलेस 47 एकड़ में बना हुआ है। इस होटल में कमरे, मार्बल युक्त गलियारे, हवादार बरामदे और राजसी उद्यान भी है।
रामबाग पैलेस में 78 कमरे बने हुए है। इस होटल में दुनियाभर से आने वाले देशी—विदेशी पर्यटक ही नहीं महान हस्तियां भी होटल में ठहरे है। जयपुर की राजमाता गायत्री देवी का शाही रूम यहां स्थापित है, जिसे देखने के लिए पर्यटक पहुंचते है। रामबाग पैलेस प्रशासन की ओर से पर्यावरण संरक्षण के लिए भी हर साल पेड़ पौधे लगाए जाते है। इस पर्यावरण संरक्षण के चलते इस होटल में 200 से अधिक मोर भी निवास करते है। जिनके लिए 500 से ज्यादा पेड़ पौधे लगाए गए है। इसके साथ ही होटल द्वारा देश—प्रदेश की कला—संस्कृति और इतिहास से भी रूबरू कराती है।