दरअसल मंत्रियों के विशिष्ट सहायक लगाने को लेकर एक हजार से अधिक आरएएस अधिकारियों में से 60 का राज्य सरकार ने चयन किया है, जिनमें से विशिष्ट सहायक लगाए जाएंगे। अभी 16 मंत्रियों के और विशिष्ट सहायक लगाए जाने हैं।
सीएस लगने के बाद तय हुआ फार्मूला सूत्रों के मुताबिक मुख्य सचिव की नियुक्ति के बाद से ही सरकार मंत्रियों के यहां वि शिष्ट सहायक लगाने को लेकर तैयारी में जुट गई थी। इस मंथन और तैयारी में मंत्रियों के विशिष्ट सहायक लगाने को लेकर करीब 60 आरएएस अधिकारियों के नाम छांटना बताया जा रहा है। इन 60 आरएएस का गत पांच वर्ष से अधिक समय का सर्विस रिकॉर्ड और कार्यशैली देखी गई है। इनमें से अब तक 40 अधिकारियों की सूची तैयारी की जा चुकी है। इन चालीस में से से 7 को सरकार दो उपमुख्यमंत्री और पांच मंत्रियों के यहां वि शिष्ट सहायक नियुक्त कर चुकी है।
इनको बदला मुख्यमंत्री के साथ ही दोनों उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा ने शपथ ली थी। एेसे में शुरूआती दौर में दोनों की पसंद के विशिष्ट सहायक लगा दिए गए थे। दिया कुमारी के यहां गोपाल सिंह और प्रेम चंद बैरवा के यहां सावन कुमार चायल को विशिष्ट सहायक लगाया गया था। मंत्रियों की शपथ होने के बाद विशिष्ट सहायक लगाने को लेकर नया फार्मूला तय किया गया है। इसके तहत दोनों उप मुख्यमंत्रियों के विशिष्ट सहायकों को हटाकर नए विशिष्ट सहायक लगाए गए हैं। लेकि, दोनों ही उप मुख्यमंत्रियों के अभी पुराने ही अधिकारी विशिष्ट सहायक का कामकाज देख रहे हैं।
इन 5 मंत्रियों को मिले विशिष्ट सहायक सरकार ने नए फार्मूले के आधार पर ही केबिनेट मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर, किरोड़ीलाल मीना, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, कन्हैया लाल चौधरी, हीरालाल नागर के यहां वि शिष्ट सहायक नियुक्त किए हैं।
इन 16 मंत्रियों को वि शिष्ट सहायक का इंतजार केबिनेट मंत्रीः मदन दिलावर, जोगाराम पटेल, सुरेश रावत, अविनाश गहलोत, सुमित गोदारा, जोराराम कुमावत, बाबू लाल खराड़ी, हेमंत मीना। राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभारः संजय शर्मा, गौतम कुमार दक, झाबर सिंह खर्रा
राज्यमंत्रीः ओटाराम देवासी, मंजू बाघमार, विजय सिंह, के के विश्नाई, जवाहर सिंह बेढ़म। विधानसभा में उठा था मामला मंत्रियों को एक माह से अधिक समय बाद भी विशिष्ट सहायक नहीं मिलने का मामला विधानसभा में कांग्रेस की ओऱ से मामला उठाया गया था।