Rajasthan Phone Tapping Case: चार साल पहले अशोक गहलोत सरकार के समय हुए फोन टैपिंग मामले में बड़ी खबर सामने आई है। अशोक गहलोत के विशेषाधिकारी (OSD) रहे लोकेश शर्मा अब सरकारी गवाह बन गए हैं। लोकेश शर्मा ने बताया कि पटियाला हाउस कोर्ट ने उनकी एप्लीकेशन को मंजूर कर लिया है। सियासी गलियारों में चर्चा है कि इसके बाद पूर्व सीएम अशोक गहलोत की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
बता दें, कि राजस्थान के बहुचर्चित फोन टैपिंग केस मामले में पूर्व ओएसडी लोकेश शर्मा की तरफ से सरकारी गवाह बनने की एडवोकेट रोहन वाधवा ने अपील लगाई थी।
अशोक गहलोत से हो सकती है पूछताछ
मालूम हो कि लोकेश शर्मा को पिछली 25 नवंबर को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया था। लोकेश शर्मा को दिल्ली के प्रशांत विहार थाने में गिरफ्तार किया गया था। वहीं, गिरफ्तारी के तुंरत बाद उनको अग्रिम जमानत भी मिल गई थी। उसी समय अंदाजा लगाया जा रहा था कि लोकेश शर्मा सरकारी गवाह बन सकते हैं। चर्चा है कि अब पूर्व सीएम अशोक गहलोत, तत्कालीन गृह सचिव सहित कई अधिकारियों से दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच पूछताछ कर सकती है।
दरअसल, 2020 में कांग्रेस में ‘मानेसर बगावत’ के समय फोन टैपिंग मामला सामने आने के बाद दिल्ली क्राइम ब्रांच में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने एफआईआर दर्ज कराई थी। जिसमें जिसमें लोकेश शर्मा का नाम था। इस एफआईआर के बाद लोकेश शर्मा में गिरफ्तारी पर रोक के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसे उन्होंने वापस लेने का फैसला लिया था।
बताते चलें कि राजस्थान की राजनीति में 2020 में हुई उथल-पुथल को लेकर कुछ ऑडियो वायरल हुए थे। इसमें दावा किया गया था कि कांग्रेस विधायकों की खरीद-फरोख्त की कोशिश की जा रही है। यह ऑडियो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी लोकेश शर्मा ने जारी किया था। इस पूरे घटनाक्रम को लेकर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पर विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगा था। शेखावत ने अवैध फोन टैपिंग का आरोप लगाते हुए दिल्ली क्राइम ब्रांच में एफआईआर दर्ज कराई, जिसमें लोकेश शर्मा का नाम था।