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जयपुर

असम की बांस कला, बिहार की पेंटिंग, छत्तीसगढ़ के साबुन-मोमबत्तियां, गोवा के खिलौने… कई राज्यों का सामान कम दामों में यहां मिल रहा

Saras Raj sakhi National Fair Jaipur 2024:देशभर के ग्रामीण स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा तैयार उत्पाद इस मेले में प्रदर्शित किए गए हैं।

जयपुरDec 17, 2024 / 01:54 pm

JAYANT SHARMA

Saras Rajsakhi National Fair Jaipur 2024: राजस्थान की राजधानी जयपुर में सरस राज सखी राष्ट्रीय मेला2024 का आयोजन जोर.शोर से किया जा रहा है। जवाहर कला केंद्र और इंदिरा गांधी पंचायती राज संस्थान में 30 दिसंबर तक चलने वाला यह मेला ग्रामीण महिलाओं के स्वावलंबन और सशक्तिकरण का प्रतीक है। देशभर के ग्रामीण स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा तैयार उत्पाद इस मेले में प्रदर्शित किए गए हैं।
ग्रामीण महिलाओं का सशक्त मंच
यह मेला ग्रामीण महिलाओं के लिए एक बेहतरीन मंच है, जहां वे अपने हस्तशिल्प, कला और अन्य उत्पादों को प्रदर्शित और बेच रही हैं। मेले में 300 से अधिक स्टॉल्स लगाए गए हैं, जहां घरेलू उपयोग की वस्तुएं, हस्तशिल्प उत्पाद, हैंडलूम साड़ियां, आभूषण और खाने-पीने का सामान उपलब्ध है। यह मेला अधिक से अधिक महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में मदद कर रहा है।
विशेष आकर्षण
मेले में असम की बांस कलाए बिहार की मधुबनी पेंटिंग और सिक्की शिल्प, छत्तीसगढ़ के साबुन और मोमबत्तियां, गोवा के लकड़ी के खिलौने, हरियाणा की धातु कला, ओडिशा के साबई शिल्प और पश्चिम बंगाल के जूट बैग्स लोगों को आकर्षित कर रहे हैं। इसके साथ ही राजस्थान के परंपरागत वस्त्र और हस्तशिल्प भी प्रमुख आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं।
सोमवार को मेला अवलोकन के लिए पैरा ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट अवनी लेखरा और राजीविका ब्रांड एंबेसडर रूमा देवी पहुंचीं। उन्होंने महिलाओं से संवाद कर उनका हौसला बढ़ाया। मेला वोकल फॉर लोकल और आत्मनिर्भर भारत के अभियान का शानदार उदाहरण पेश कर रहा है। मेले में हैण्डमेड प्रोडक्ट्स, सजावटी सामान और शुद्ध मसालों की खरीदारी के लिए लोग उत्साहित हैं। ग्रामीण महिलाओं की मेहनत और हुनर की झलक यहां हर स्टॉल पर देखी जा सकती है।
यह मेला न केवल महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बना रहा है, बल्कि देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को भी बढ़ावा दे रहा है। ग्रामीण विकास विभाग और राजीविका के इस प्रयास ने ग्रामीण महिलाओं के लिए नए अवसरों के द्वार खोले हैं। यह मेला महिला सशक्तिकरण का एक आदर्श उदाहरण है, जो ग्रामीण भारत की प्रतिभा को वैश्विक मंच तक पहुंचाने का काम कर रहा है।

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