डोटासरा ने कहा कि सरकार को सिर्फ एमओयू साइन करने तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वास्तविक निवेश धरातल पर उतरे। उन्होंने जनता से पारदर्शिता की अपील करते हुए कहा कि सरकार को यह भी बताना चाहिए कि अब तक कितने निवेश धरातल पर उतरे हैं और इस समिट को आयोजित करने में कितना खर्च हुआ है।
डोटासरा ने प्रदेश में कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि पिछले 12 महीनों में राज्य की कानून व्यवस्था पटरी से उतर गई है। यह सरकार की जिम्मेदारी है कि प्रदेश में भयमुक्त माहौल और निवेशकों के लिए सुरक्षित वातावरण तैयार किया जाए। उन्होंने मांग की कि उद्योगपतियों और निवेशकों को अपराधियों से सुरक्षा प्रदान की जाएं।
डोटासरा ने कहा कि जनता को यह जानने का अधिकार है कि इस निवेश को लाने के लिए कितना खर्च हुआ और इससे प्रदेश को क्या लाभ होगा। उन्होंने यह भी अपेक्षा जताई कि सरकार निवेश की सच्चाई और इसके परिणामों को जनता के सामने रखेगी।