बता दें कि
नए जिलों की जांच रिपोर्ट सरकार को सौंपे जाने के बाद 2 सितंबर को कैबिनेट सब कमेटी की बैठक हुई थी। जिसमें ललित के पंवार कमेटी की रिपोर्ट पर चर्चा की गई थी। इसमें कुछ छोटे जिलों को मर्ज करने का सुझाव आया था, क्योंकि कमेटी का मानना है कि कई छोटे जिले व्यावहारिक नहीं हैं। हालांकि, नए जिलों पर कोई फैसला नहीं हो पाया है। ऐसे में माना जा रहा है कि आज होने वाली मीटिंग में नए जिलों का भविष्य तय हो सकता है।
इन जिलों पर हो सकता है फैसला
गहलोत राज में बनाए गए कई नए जिलों का आकार छोटा है। ऐसे में नजदीकी जिले के अन्य हिस्सों को जोड़कर मर्ज किया जा सकता है। छोटे जिलों में दूदू, खैरथल तिजारा, केकड़ी, सलूम्बर, सांचौर और शाहपुरा का नाम शामिल है। इसके अलावा डीग, गंगापुर सिटी, कोटपूतली-बहरोड़, नीमकाथाना, अनूपगढ़ और फलौदी पर भी फैसला हो सकता है। इसके अलावा जयपुर और जोधपुर के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों को मर्ज किया जा सकता है।