व्यापारी और आमजन हो रहे लामबंद
मेड़ता सिटी को जिला बनाने की मांग पर शहर के व्यापारी और आमजन लामबंद हो रहे हैं। स्थानीय व्यापारियों और आमजन ने रविवार को हाथों पर काली पट्टी बांधकर राज्य सरकार का विरोध जताया। साथ ही ‘मेड़ता को जिला बनाओ…’, ‘हमारी मांगे पूरी करो…’ सहित नारे लगाते हुए सरकार से शहर को खोया गौरव वापस दिलाने की मांग की।
सोशल मीडिया का ले रहे सहारा
मेड़ता की आवाज सरकार तक पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया का भी सहारा लिया जा रहा है। स्थानीय लोग इस मुहीम में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष और अन्य नेताओं से लेकर मुख्यमंत्री तक को टैग करते हुए मेड़ता को जिला बनाने की मांग उठा रहे हैं।
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काली पट्टी बांधकर जता रहे नाराज़गी
व्यापारियों व युवाओं ने दुकानों पर कार्य करते हुए हाथों पर काली पट्टी बांधकर मांग उठाई। घरों से बाहर निकले लोगों के हाथों पर भी काली पटि्टयां बंधी थी। यहां जैतारण चौकी पर पार्षद मोहित माली, कालुराम गहलोत, जुगल सांखला, श्रवन नायक, जगदीश, जितेंद्र गहलोत, श्रीराम टाक, नेमीचंद, भैरालाल गहलोत, रामदेव, बबलू वैष्णव सहित बड़ी संख्या में व्यापारियों ने भी काली पट्टी बांधकर नारेबाजी की।
अदालती ‘आदेश’ का इंतज़ार
व्यापारियों का कहना है कि हाईकोर्ट में जो जनहित याचिका लगी है, उसकी 4 अप्रैल को सुनवाई है। उम्मीद है मेड़ता के पक्ष में निर्णय आएगा। सरकार मेड़ता को जिला बनाती है तो इस शहर के लोगों से ज्यादा सरकार को ही फायदा होगा।
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सुजानगढ़ में भी उठ रही आवाज़
नागौर में मेड़ता सिटी की ही तरह चूरू के सुजानगढ़ को भी जिला घोषित किये जाने की मांग ज़ोर पकड़े हुए है। स्थानीय व्यापारियों और नागरिकों की दलील है कि भौगोलिक दृष्टि से विस्तारित सुजानगढ़ जिला बनने के सारे मापदंड पूरे करता है। पूर्व में भी राज्य सरकार को इस बारे में मांग से अवगत करवाया गया था। उम्मीद थी कि सुजानगढ़ को जिला घोषित किया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
जारी है विरोध प्रदर्शन
नए घोषित 19 ज़िलों में सुजानगढ़ का नाम नहीं होने से क्षेत्र के लोग मायूस हैं और विरोध-प्रदर्शन करके अपनी नाराज़गी व आक्रोश ज़ाहिर कर रहे हैं। चूरू और सुजानगढ़ सहित आस-पास के क्षेत्रों में विरोध-प्रदर्शनों का सिलसिला जारी है।