उदयपुर जिले के झाड़ोल उपखण्ड क्षेत्र के वाकल क्षेत्र में स्थित ओगणा बांध पांच वर्ष के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार शनिवार सुबह छलक गया। जल संसाधन विभाग द्वारा करीब 37 वर्ष पूर्व निर्मित यह बांध क्षेत्र का सबसे बड़ा मिट्टी से बना बांध है। इसकी कुल भराव क्षमता 274 एमसीएफटी है। क्षेत्र में पिछले दिनों हुई अच्छी बारिश के बाद निरंतर पानी की आवक होने से बांध शनिवार को छलक गया। करीब आधा दर्जन से अधिक ग्राम पंचायतों के दर्जनों गांवों की 1232 हैक्टेयर भूमि बांध से निकलने वाली दो नहर से सिंचित होती है।
Bisalpur Dam Update: बीसलपुर बांध को लेकर आई लेटेस्ट अपडेट, पढ़ें पूरी खबर
इधर करौली और सवाईमाधोपुर जिले के बीच बनास नदी पर हाड़ौती-भूरीपहाड़ी के मध्य स्थित पुलिया शनिवार सुबह पानी के तेज बहाव से बह गई। इससे करौली व सवाईमाधोपुर जिले के अनेक गांवों का संपर्क टूट गया है। प्रशासन ने रानेटा-हाड़ौती-सवाईमाधोपुर मार्ग को बेरीकेड्स लगाकर बंद करा दिया है। वाहन चालकों को रास्ता बदल कर मिणापाड़ा होकर बाटोदा सड़क मार्ग से सवाईमाधोपुर के लिए आवागमन करना पड़ रहा है।
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बीसलपुर बांध से पानी की निकासी किए जाने पर सपोटरा क्षेत्र में होकर गुजर रही बनास नदी में पानी की आवक बढ़ गई थी। सुबह पानी अधिक मात्रा में और तेज गति से आया, जिसको यह पुलिया झेल न सकी। पुलिया का लगभग 100 मीटर का हिस्सा क्षतिग्रस्त होकर बह गया। करौली और सवाईमाधोपुर जिले को जोड़ने वाली इस पुलिया का निर्माण 16 करोड़ रुपए की लागत से 9 वर्ष पहले कराया गया था।