सोमवार को यहां शासन सचिवालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए गुढ़ा ने कुछ मंत्रियों की इस बात को गलत करार दिया कि वे अपने विभाग के अधिकारियों की एसीआर भरते हैं। उन्होंने खाद्य मंत्री प्रतापसिंह प्रतापसिंह खाचरियावास की मुहिम का समर्थन करते हुए कहा कि मंत्रियों को अधिकारियों की एसीआर भरने का अधिकार दिया जाना चाहिए। गुढ़ा यही नहीं रुके, उन्होंने कहा कि कई मंत्री तो सिपाही तक के तबादले के लिए सीएमओ के चक्कर काटते रहते हैं। उनका कहना था कि बहुत से मंत्री अपनी बात ऊपर रखने की बात तो कह देते हैं, जबकि अंदरखाने सब बैठकर रोते हैं।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले भी कई मंत्रियों ने मुख्यमंत्री कार्यालय में बैठे अधिकारियों के कामकाज पर अंगुली उठाई थी। खेल मंत्री अशोक चांदना, नाराज होकर इस्तीफे तक की पेशकश कर चुके हैं। खाद्य मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास न सिर्फ सीएमओ में बैठे अधिकारियों से आजिज आए हुए हैं। बल्कि अधिकारियों की एसीआर भरने को लेकर दबाव बना रहे हैं।
कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक हेमाराम चौधरी इस्तीफा तक दे चुके थे। हालांकि अभी वे सरकार में वन मंत्री की भूमिका में हैं। मुख्यमंत्री के सलाहकार संयम लोढ़ा एवं विधायक दिव्या मदेरणा एसीआर भरने को लेकर खाचरियावास के साथ खड़े हुए हैं। वरिष्ठ विधायक भरतसिंह खनन समेत विभिन्न मसलों पर पत्र लिख कर सरकार को घेर चुके हैं। सचिन समर्थक विधायक रामनिवास गावडिया ने सरकार में दलाल बैठे होने का आरोप लगाया था।