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जयपुर

राजस्थान में ठगा गए इलेक्ट्रिक व्हीकल लेने वाले, अभी तक किसी को भी नहीं मिली सब्सिडी, जानिए क्यों

राजस्थान में 8 महीने पहले 1 सितंबर से इलेक्ट्रिक व्हीकल (ई-प्लीकल) पॉलिसी लागू की गई थी, लेकिन आज तक एक भी वाहन मालिक को कोई अनुदान नहीं मिला।

जयपुरMay 26, 2023 / 11:41 am

Anil Kumar

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जयपुर। राजस्थान में 8 महीने पहले 1 सितंबर से इलेक्ट्रिक व्हीकल (ई-प्लीकल) पॉलिसी लागू की गई थी, लेकिन आज तक एक भी वाहन मालिक को कोई अनुदान नहीं मिला। दरअसल, पॉलिसी में दुपहिया, चौपहिया वाहन, बस आदि सभी श्रेणी के ईवी वाहनों को वित्तीय अनुदान या छूट दी जानी थी। दुपहिया वाहनों को 2-10 हजार रुपए तक एवं बसों को एक से 5 लाख रुपए तक का अनुदान देना था। पॉलिसी लागू होने के बाद बसों को छोड़कर अन्य सभी श्रेणियों के काफी वाहन बिक चुके है। इसके बावजूद अनुदान का कोई नोटिफिकेशन तक परिवहन विभाग जारी नहीं कर पाया। इतना ही नहीं, पॉलिसी के नियम भी नहीं बन पाए है।
पॉलिसी में पहली 500 इलेक्ट्रिक बसों पर एक से पांच लाख रुपए तक का अनुदान विभाग को देना है। वहीं, पहली 200 बसों को रेट्रोफिटमेंट (डीजल बसों को इलेक्ट्रिक में कन्वर्ट) करने पर उपकरण की कीमत का 15%. या 2.5 तास तक का अनुदान दिया जाएगा। वहीं एसजीएसटी का 100 फीसदी पुनर्भुगतान किया जाएगा।
8 महीनों में खरीदे गए वाहन-
दुपहिया करीब 45,000

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वाहन श्रेणी वाहनों की संख्या वित्तीय लाभ
-टू-व्हीलर 1,00,000 स्थाई बेटरी वाले 5-10 हजार व स्वैपिंग बैटरी वाले वाहनों को 2-5 हजार रु
-तिपहिया 50000 ई-रिक्शा, ई-ऑटो और ई-लोडिंग स्थाई बैटरी वाले 10-20 हजार व स्वेपिंग बेटरी वाले वाहनों को 4-10 हजार रुपए
-चौपहिया 1000 निजी, 1000 व्यावसायिक व 2000 मैक्सी कैब या गुड्स प्टीकल (जिनकी एक्स शोरूम कीमत अधिकतम 20 लाख रूपए तो) 30 हजार से 50 हजार रुपए तक
-बस 500 ई-बस 1 से 5 लाख रुपए तक का, यह ताभ 1 सितंबर के बाद खरीदे गए वाहनों पर देय होगा।
-तिपहिया करीब 16,000
-चौपहिया करीब 600
पोलिसी के नियम तैयार किए जा चुके हैं। अनुदान की फाइल वित्त विभाग में है। जल्द ही नियम जरी कर अनुदान दिया जाएगा।
कन्हैया तात स्वामी, आयुक्त, परिवहन विभाग

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विभागों में घूम रही फाइल
आधिकारिक जानकारी के अनुसार परिवहन विभाग आठ महीने से ईवी पॉलिसी के नियम ही जारी नहीं कर पाया। फाइल कभी वित्त विभाग तो कभी सचिवालय में घूम रही है। जब तक नियम तैयार नहीं होंगे, तब तक अनुदान की प्रक्रिया शुरू ही नहीं हो पाएगी। ऐसे में लोगों को अनुदान के लिए अभी कितना इंतजार करना पड़ेगा। इस पर भी संशय बना हुआ है।

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