मंदिर के पुजारी पं. सुदेश कुमार शर्मा का कहना है कि गणेश मंदिर की सेवा-पूजा उनकी चार पीढ़ियों से चली आ रही है। पं. बाला शर्मा ने यहां सेवा-पूजा का काम शुरू किया, आज उनकी चौथी पीढ़ी सेवा – पूजा कर रही है। पहले यहां वर्ष में एक बार सिंदूर का चोला चढ़ता था, विगत 30 वर्षों से हर बुधवार और उत्सव को भगवान गणपति को सिंदूरी चोला चढ़ाया जाता है।
इनका कहना है…
यह सांगानेर का सबसे पुराना गणेश मंदिर है। पुष्य नक्षत्र, शरद पूर्णिमा, गणेश चतुर्थी तथा अन्य अवसरों पर यहां विशेष आयोजन होता है। – पुरुषोत्तम नागर, स्थानीय निवासी स्थानीय निवासी कैलाश चंद नाटाणी ने बताया की कई सालों तक मैंने मंदिर में सेवा पूजा की है। परिवार में शुभ कार्य करने से पहले हम यहां दर्शन करने आते है। – कैलाश चंद, स्थानीय निवासी
51 किलो दूध से होगा अभिषेक, मेहंदी लगाने की रस्म
मंदिर में गणेश चतुर्थी उत्सव के दौरान 51 किलो दूध का अभिषेक किया जाएगा। शुक्रवार को प्रथम पूज्य का सिंजारा मनाया जाएगा। सिद्धि विनायक गणेश मंदिर के ज्योतिष आचार्य रामकृष्ण शर्मा ने कहा कि इस दिन कॉलोनी की महिलाएं गणपति के लिए मेहंदी लेकर आती है और गणपति को मेहंदी लगाने की रस्म की जाती है। उसके बाद नवीन पोशाक धारण की जाती है। भगवान गणपति का शृंगार किया जाता है। इसी दिन भक्ति संध्या और जागरण भी होगा।
गणेश चतुर्थी पर मेले की तैयारी शुरू
गणेश चतुर्थी पर मंदिर में मेला लगता है, जिसकी तैयारी शुरू हो गई है। मंदिर को सजाया जा रहा है और भक्तों के लिए व्यवस्थाएं की जा रही हैं। मेले में प्रसादी, झूले के साथ-साथ अन्य मनोरंजन के साधन उपलब्ध होंगे।