18 राज्यों से ज्यादा वैट वसूल कर रहा है राजस्थान
उन्होंने कहा कि कच्चा तेल हम इंपोर्ट करते हैं और रिफाइनरी में रिफाइंड करके सप्लाई किया जाता है। इस पर केंद्र सरकार एक्साइज ड्यूटी और राज्य सरकार वैट लगाती है या सेल्स टैक्स लगाती है। राजस्थान सरकार ने 2021 से 22 और 22 से 23 के वित्तीय वर्ष में पेट्रोल—डीजल पर वैट से 35 हजार 975 करोड़ टैक्स कलेक्ट किया है जो देश के 18 राज्यों द्वारा वसूले गए 32 हज़ार करोड़ रुपए के टैक्स से भी ज्यादा है। उन्होंने कहा कि भाजपा शासित राज्यों के मुकाबले राजस्थान में पेट्रोल—डीजल 10 से 11 रुपए प्रति लीटर महंगा है। क्योंकि यहां पेट्रोल पर 31.04% और डीजल पर 19.3 प्रतिशत वैट है जो बहुत ज्यादा है।पेट्रोल—डीजल पर केंद्र सरकार ने दो बार टैक्स कम किए हैं। इसके बावजूद राजस्थान में झूठ फैलाया जा रहा है।
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केंद्र दे रही सब्सिडी, फायदा उठा रहे गहलोत
पुरी ने कहा कि गैस की बात करें तो कांग्रेस के राजस्थान में उज्जवला योजना में 500 रुपए का सिलेंडर दे रहे हैं। जब यह सिलेंडर 1100 बिकता था तब केंद्र सरकार ने 200 रुपए की सब्सिडी दी। अगस्त में हमने एडिशनल 300 रुपए की सब्सिडी दी। तो इसें राजस्थान का सहयोग क्या है ? 600 रुपए तो केंद्र सरकार से ले रहे हो। उन्होंने कहा कि मोदी ने जब कार्यभार संभाला तब देशभर में 14 करोड़ गैस कलेक्शन थे। आज देश में यह कनेक्शन 32 करोड़ से ज्यादा हो गए हैं। केंद्र सरकार ने 9 करोड़ 60 लाख से ज्यादा उज्जवला कनेक्शन दिए हैं। महामारी में तीन सिलेंडर मुफ्त दिए और अब 75 लाख उज्जवला कनेक्शन और दिए जाएंगे।
ऑयल बॉण्ड खरीदकर जेब खाली करवा दी
पुरी ने कहा कि 2004 और 2014 में जब इनकी सरकार थी, तब क्रूड ऑयल के दाम बहुत ज्यादा बढ़ गए थे। तब सरकार नहीं चाहती थी कि जनता पर बोझ डाला जाए। इसलिए इन्होंने 1 लाख 41 हजार करोड़ रुपए के ऑयल बॉन्ड्स सर्कुलेट। इन बॉन्ड्स की वजह से हमें आज 3 लाख करोड रुपए से ज्यादा का भुगतान करना पड़ा है।