॥ श्री पितर आरती ॥
जय जय पितरजी महाराज,मैं शरण पड़यो हूँ थारी। शरण पड़यो हूँ थारी बाबा,शरण पड़यो हूँ थारी॥ आप ही रक्षक आप ही दाता,आप ही खेवनहारे। मैं मूरख हूँ कछु नहि जाणू,आप ही हो रखवारे॥काम पड़े पर नाम आपको,लगे बहुत सुखदाई॥
Pitru aarti: श्राद्ध तर्पण पिंडदान के बाद पढ़नी चाहिए यह लोकप्रिय पितृ आरती
जयपुर•Sep 19, 2024 / 11:34 pm•
Pravin Pandey
Pitru Paksha 2024
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