कांग्रेस ने कर्नाटक की तरह पांच राज्यों में चुनाव से पहले उम्मीदवारों के नाम तय करने का दावा जरूर किया, लेकिन यहां के सियासी हालात अलग तरह के होने के चलते उम्मीदवार चयन में लगातार देरी हो रही है। पार्टी के उच्च सूत्रों का कहना है कि सभी राज्यों में अंतिम सर्वे चल रहा है, जिसके नतीजे 10 से 15 अक्टूबर तक पार्टी को मिलेंगे। इसके अलावा पार्टी की ओर से नियुक्त किए गए नेताओं का फीडबैक भी मिलना बाकी है। यह दोनों काम होने के बाद पार्टी अगला कदम बढ़ाएगी। इसमें कम से कम 15 दिन का समय लग सकता है।
टिकट काटने का दबाव
सूत्रों का कहना है कि प्रारंभिक सर्वे और नेताओं के फीडबैक में राजस्थान में कई मंत्रियों के साथ विधायकों का प्रदर्शन खराब मिला है। ऐसे में इन नेताओं के टिकट काटने का दबाव पार्टी पर बढ़ रहा है। इस तरह का फैसला लेने से पहले पार्टी हर तरह से संतुष्ट होना चाहती है। इसलिए अंतिम रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।
बगावत रोकने की जुगत
पार्टी नेताओं का मानना है कि यदि मंत्रियों और विधायकों के टिकट काटे गए तो उनके बागी होने की आशंका भी है। पार्टी इसके लिए तैयार है और कुछ वरिष्ठ नेताओं को टिकट कटने वाले नेताओं को मनाने की जिम्मेदारी दे दी है। यह नेता सर्वे रिपोर्ट का आधार बनाकर टिकट कटने वाले नेताओं से बातचीत और समझाइश कर रहे हैं।
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अब शुरू होगा बैठकों का दौर
राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ को लेकर दिल्ली में इस सप्ताह से बैठकों का दौर शुरू होने की उम्मीेद है। पार्टी की ओर से अधिकृत तौर पर कुछ नहीं कहा जा रहा है, लेकिन सूत्र बता रहे हैं कि जल्द ही दिल्ली में स्क्रीनिंग कमेटियों की बैठकें हो सकती है।