पुलिस का दावा है कि अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल से पूरा नेटवर्क चल रहा था सोमवार को जगन गुर्जर अपने भाई पान सिंह से मिलने के लिए अजमेर हाई सिक्योरिटी जेल में गया था। इसके बाद वह अजमेर से धौलपुर लौट रहा था। तभी सोमवार शाम इनपुट मिलने के बाद वैशाली नगर थाना पुलिस ने जगन गुर्जर को हिरासत में लिया। पूछताछ के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है। रंगदारी मांगने और अवैध हथियार तस्करी मामले में सोमवार को भी पुलिस ने अजमेर हाई सिक्योरिटी जेल से 3 अपराधियों सहित 9 हार्डकोर बदमाशों को अरेस्ट किया था।
कौन है जगन गुर्जर?
राजस्थान में दहशत का पर्याय बना जगन गुर्जर धौलपुर जिले के डांग क्षेत्र के भवुतीपुरा का रहने वाला है। साल 1994 में उसके जीजा की हत्या हो गई थी, जिसका बदला लेने के लिए उसने गांव के ही एक आदमी की हत्या कर दी थी। फिर पुलिस से बचने के लिए अपनी पत्नी और तीन भाइयों के साथ मिलकर चंबल के बिहड़ों में शरण ली और खुद की गैंग बना ली। जगन ने सात साल तक राजस्थान, मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश में फैले चंबल में खूब आंतक मचाया था।
150 से अधिक मुकदमे दर्ज
जगन के खिलाफ तीन राज्यों में हत्या, लूट, फिरौती, अपहरण, नकबजनी व डकैती से जुड़े 150 से अधिक मुकदमे दर्ज है। डकैत जगन ने वर्ष 2001 में पहली बार आत्मसमर्पण किया था। लेकिन, जेल से बाहर आते ही आतंक फैलाना शुरू कर दिया था। इसके बाद जगन गुर्जर ने 31 जनवरी 2009 को कैमरी गांव में सचिन पायलट के सामने आत्मसमर्पण किया था। साल 2010 में पुलिस कस्टडी में वह अपनी बेटी की शादी में शामिल हुआ था। बाद में परिवार के कहने पर उसने अपराध से तौबा कर ली थी। लेकिन, फिर जमानत पर जेल से बाहर आते ही अपराध करने लगा।
गिर्राज मलिंगा को भी दी थी धमकी
साल 2022 में बाड़ी के कांग्रेस विधायक गिर्राज मलिंगा को धमकी देने के बाद जगन गुर्जर फिर सुर्खियों में आया था। पुलिस ने उस पर पचास हजार रुपये का इनाम घोषित किया था। हालांकि, जगन गुर्जर ने 7 फरवरी 2022 की देर शाम को करौली पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया था। हालांकि, जमानत पर बाहर आते ही वह फिर से अपराध की दुनिया में सक्रिय हो गया था। पुलिस को काफी समय से जगन गुर्जर की तलाश थी।