पायलट का कद बढ़ाकर एक तरह से खड़गे ने संदेश दिया है कि राजस्थान की राजनीति में अहम भूमिका और मुख्यमंत्री का पद न दिए जाने के बावजूद पार्टी को सचिन पायलट की परवाह है। पायलट के केंद्रीय समिति में आने के बाद पायलट समर्थकों में अतिरिक्त ऊर्जा का संचार हुआ है। सचिन पायलट की नियुक्ति पर गहलोत खेमे की ओर से बयानबाजी नहीं होने से आपसी कलह पर विराम लगने के संकेत मिल रहे हैं।
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प्रोमोशन के बाद साथ मिलकर चुनावी रणनीति बना रहे पायलट – गहलोत
लोकसभा चुनाव 2024 से पहले राजस्थान जीतना कांग्रेस के लिए बेहद जरूरी है। इसलिए पार्टी ने गहलोत और पायलट के बीच की खाई को पाटने का प्रयास किया है। हालांकि देखना होगा कि पार्टी का ये प्रयास कितना रंग लाता है। पिछले महीने ही दोनों नेताओं ने राज्य पार्टी प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा और अन्य दिग्गज नेताओं संग बैठक कर चुनावी रणनीति पर मंथन किया था।
परम्परा : विपक्ष में बैठती है सत्ता में रहने वाली सरकार
कांग्रेस के सामने एक बड़ी समस्या यह है कि पिछले 25 वर्षों से लगातार एक परम्परा कायम है कि सत्ता में रहने वाली सरकार विपक्ष में बैठती रही है। CWC में सदस्य बनने के बाद सचिन पायलट ने अपने ट्विटर अकाउंट से ट्वीट किया कि कांग्रेस वर्किंग कमेटी का सदस्य बनाए जाने पर मैं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, CPP चेयरपर्सन सोनिया गांधी एवं पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी जी का आभार व्यक्त करता हूं। हम सभी कांग्रेस की रीति-नीति व विचारधारा को सशक्त करते हुए उसे और अधिक मजबूती से जन-जन तक पहुंचाएंगे।
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