एसओजी के मुताबिक, पेपरलीक से जुड़े तीन सरगना गिरफ्तार हैं, जबकि एक विदेश भाग गया। उसकी गैंग के गुर्गों की धरपकड़ की जा रही है। पेपर लीक का माफिया जगदीश बिश्नोई है और सबसे पहले उसने ही पेपर लीक करवाना शुरू किया था। इसके बाद वांटेड सुरेश ढाका ने अपनी गैंग बना ली। सुरेश ढाका फरार है। तीसरी गैंग का सरगना शेरसिंह और चौथी गैंग का सरगना भूपेन्द्र सारण है। एसओजी की कस्टडी में भूपेन्द्र सारण और जगदीश बिश्नोई हैं, जबकि जल्द ही कोर्ट से प्रोडक्शन वारंट पर शेर सिंह को भी गिरफ्तार किया जाएगा। एसओजी तीनों सरगना को आमने सामने बैठाकर पूछताछ करेगी।
राजेन्द्र ने उगला राज… सुलझी SI भर्ती पेपरलीक की गुत्थी, पकड़े गए ‘बेईमान थानेदार’
एसओजी ने कनिष्ठ अभियंता पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किए गए शिक्षक राजेन्द्र यादव, पटवारी हर्षवर्धन, लाइब्रेरियन शिवरतन मोट व राजेन्द्र कुमार यादव उर्फ राजू को बुधवार को प्रॉडक्शन वारंट पर उप निरीक्षक भर्ती परीक्षा पेपरलीक प्रकरण में जेल से गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार थानेदार, पेपरलीक के सरगना और चारों आरोपियों को आमने-सामने बिठाकर पूछताछ की जाएगी।
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लाइब्रेरियन भर्ती-2018 की वर्ष 2019 में आयोजित परीक्षा पेपरलीक होने के बाद रद्द कर दी गई थी। वर्ष 2020 में दोबारा आयोजित की गई इस परीक्षा का पेपर पहले ही बाहर आ गया था। एसओजी में बुधवार को कुछ बेरोजगार पहुंचे और उन्होंने इस संबंध में तथ्य पेश किए। बेरोजगारों ने बताया कि पिछली सरकार में मामला दबा दिए जाने से इसका खुलासा नहीं हो सका। एसओजी सूत्रों के मुताबिक, गिरफ्तार आरोपियों से भी इसकी पुष्टि हुई है। हालांकि उप निरीक्षक भर्ती पेपर लीक मामला बड़ा होने के कारण एसओजी की सभी टीम उसमें लगी है। गिरोह के सदस्य या फिर उनके नजदीकी लोगों का लाइब्रेरियन परीक्षा में चयन हुआ है।